स्कैल्प कूलिंग थेरेपी से बंद होगा बालों का झड़ना

स्कैल्प कूलिंग थेरेपी से बंद होगा बालों का झड़ना

कीमोथेरेपी के कारण बालों का झड़ना रोकने में स्कैल्प कूलिंग थेरेपी कारगर है डॉ. रणदीप सिंह, वरिष्ठ सलाहकार, मेडिकल ऑन्कोलॉजी और हेमाटो-ऑन्कोलॉजी, नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम

गुड़गांव । 41 साल की उम्र में आकृति (बदला हुआ नाम) को हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था। वह जांच पर भरोसा नहीं कर सकी और दूसरी राय लेने के लिए ऑन्कोलॉजिस्ट के पास गई। ऑन्कोलॉजिस्ट ने उसकी काउंसलिंग के दौरान उसे बताया कि उसके ठीक होने की संभावना को बेहतर बनाने के लिए उसे कई दौर की कीमोथेरेपी की आवश्यकता है।

डॉक्टर ने उसे कीमोथेरेपी के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में भी बताया, जिसमें थकान, उल्टी, वजन में बदलाव और बड़े पैमाने पर बालों का झड़ना शामिल था। जबकि किसी अन्य कैंसर पेशेंट की तरह उसके कैंसर के ठीक होने की संभावना सबसे अधिक थी। आकृति नहीं चाहती थी कि दूसरों को पता चले कि उसे कैंसर है, और उसे चिंता थी कि उसकी शारीरिक दिक्कतें और गंजापन के कारण जल्द ही लोगों को उसकी बीमारी के बारे में पता चल जाएगा। उसने मुश्किल से इस सब के साथ तालमेल बिठाया और बालों के झड़ने के सच को स्वीकार किया।

उसे तब आश्चर्य हुआ जब उसे ‘स्कैल्प कूलिंग तकनीक’ से परिचित कराया गया था। यह एक नई तकनीक है जो कीमोथेरेपी के दौरान बालों के झड़ने की संभावना को काफी कम कर सकती है। उसे बताया गया कि इस तकनीक के जरिए उसके स्वास्थ्य और सुंदरता को बचाया जा सकता है। यह जानकर उसे आत्मविश्वास, शांति और इलाज जारी रखने में काफी ताकत मिली।

‘स्कैल्प कूलिंग टेक्नोलॉजी’ में एक कूल कैप शामिल है जो स्कैल्प के तापमान को कम करके बालों के रोम की रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है जिसके परिणामस्वरूप बालों तक कीमोथेरेपी का प्रभाव काफी कम हो जाता है। इसके अलावा ठंडे बालों के रोम निष्क्रिय हो जाते हैं, जिससे वे उपचार के प्रति कम संवेदनशील हो जाते हैं। इस तकनीक से बालों के झड़ने को कम किया जा सकता है और बाल 2-3 गुना तेजी से दोबारा उगते हैं। यह तकनीक अब नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल गुरुग्राम में उपलब्ध है। यह गुरुग्राम में पहला एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पताल है, जो इस तकनीक की सुविधा को मुहैया कराता है। और कैंसर के इलाज के दौरान भी आपको सुंदर दिखने में मदद करता है।

यह केवल आकृति की कहानी नहीं है, बल्कि कैंसर से पीड़ित हर व्यक्ति को इस बात का डर सताता है कि इलाज को सहने के अलावा और क्या दिक्कतें हो सकती हैं। एक महिला पेशेंट के लिए जिसे कैंसर है उसके इलाज के दौरान उससे होने वाली दिक्कतें काफी डरावनी होती हैं। दूसरे कैंसर फाइटर को अपने सिर को ढंकने के लिए स्कार्फ पहने हुए देखना भी काफी निराशाजनक होता है। यह किसी भी कैंसर पेशेंट के लिए मानसिक रूप से काफी तकलीफदेय होता है।

बहुत से लोग आत्मा की सुंदरता के बारे में बात कर सकते हैं, जबकि एक महिला अपनी सुंदरता पर नाज करती है। और इससे उसके आत्मविश्वास और दृष्टिकोण को आकार देने में मदद काफी मिलती है। हालांकि कुछ पुरुषों और महिलाओं के लिए बालों का झड़ना बहुत मायने नहीं रखता, लेकिन कई लोगों में ये आत्मसम्मान और आत्मविश्वास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, इसका असर उनके काम, सामाजिक कार्यों या अयोजानो में भागीदारी पर पड़ सकता है। ‘स्कैल्प कूलिंग तकनीक’ न केवल बालों को बनाए रखने में मदद कर सकती है, बल्कि पेशेंट के आत्मविश्वास और गर्व की भावना को भी बढ़ा सकती है जिसके साथ उसने हमेशा अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को चलाया है।

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