तमिलनाडु गार्ड मौत मामला: टीवीके अध्यक्ष ने उठाई हाई कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग

चेन्नई, 1 जुलाई (आईएएनएस)। तमिलनाडु में पुलिस हिरासत में हुई गार्ड की मौत पर सियासत थमती नजर नहीं आ रही है। इस घटना को लेकर एक्टर से नेता बने तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के अध्यक्ष विजय का बयान आया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच हाई कोर्ट की सीधी निगरानी में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा कराई जाए।
तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के अध्यक्ष विजय ने मंगलवार को तिरुप्पुवनम में अजित कुमार की पुलिस हिरासत में हुई मौत पर बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “इस मामले की जांच हाई कोर्ट की सीधी निगरानी में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जाए। अजित कुमार की हिरासत में मौत ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े किए हैं। यह घटना पुलिस विभाग की क्रूरता और अमानवीयता को दर्शाती है, जो मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के सीधे नियंत्रण में है। सरकार ने शुरू में दोषियों को बचाने की कोशिश की, लेकिन टीवीके सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के दबाव और मदुरै हाई कोर्ट की बेंच के हस्तक्षेप के बाद पुलिस विभाग ने कार्रवाई शुरू की।”
टीवीके अध्यक्ष ने वर्तमान सरकार के कार्यकाल में हुई विभिन्न हिरासत मृत्यु मामलों की स्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री को मदुरै हाई कोर्ट की बेंच द्वारा बताए गए पिछले चार वर्षों में 24 लोगों की हिरासत में हुई मौतों पर एक श्वेत पत्र (व्हाइट पेपर) जारी करना चाहिए। चूंकि अजित कुमार हिरासत मौत मामले में पुलिस ही आरोपी है, इसलिए तमिलनाडु पुलिस द्वारा जांच निष्पक्ष नहीं होगी। इसलिए, हाई कोर्ट की सीधी निगरानी में एक विशेष जांच दल गठित कर तेजी से जांच कर न्याय दिलाया जाना चाहिए।
टीवीके अध्यक्ष ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर वे कार्रवाई करने में विफल रहे, तो उन्हें 2026 के विधानसभा चुनावों में परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने मांग की है कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन तुरंत तमिलनाडु के लोगों को आश्वासन और गारंटी दें कि ऐसी घटनाएं भविष्य में नहीं होंगी। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो लोग 2026 के विधानसभा चुनावों में डीएमके को ऐतिहासिक हार देंगे।
–आईएएनएस
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