ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के लिए हुई थी भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना

नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की स्थापना 1 जुलाई 1955 को हुई थी। वर्तमान में एसबीआई के पास देश में 22,000 से अधिक शाखाएं और 62,000 से ज्यादा एटीएम हैं। इसकी स्थापना के पीछे मुख्य मकसद ग्रामीण क्षेत्रों की बैंकिंग सेवाओं को दुरुस्त करना था। गांवों में निजी बैंकों की पहुंच बहुत कम थी। हर साल 1 जुलाई को एसबीआई अपने स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में अपने कार्यालयों में कार्यक्रम आयोजित करता है, जिसमें कर्मचारी, ग्राहक और समुदाय हिस्सा लेते हैं। यह दिन बैंक की उपलब्धियों, ग्राहक सेवा और सामाजिक योगदान को सेलिब्रेट करने का अवसर होता है।
एसबीआई की कहानी सिर्फ 1955 से शुरू नहीं होती है, औपनिवेशिक काल से शुरू होती है, जब 1806 में बैंक ऑफ कलकत्ता की स्थापना हुई, जो बाद में बैंक ऑफ बंगाल बन गया। इसके बाद, बैंक ऑफ बॉम्बे (1840) और बैंक ऑफ मद्रास (1843) की स्थापना हुई। इन तीनों प्रेसीडेंसी बैंकों को 1921 में मिलाकर इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया बनाया गया। स्वतंत्रता के बाद, भारत सरकार ने देश के आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली की आवश्यकता महसूस की। साल 1955 में 1 जुलाई को इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया और इसे भारतीय स्टेट बैंक के रूप में पुनर्गठित किया गया। यह कदम भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के लिए उठाया गया था।
एसबीआई की स्थापना के पीछे उद्देश्य था देश के कोने-कोने में बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाना। खासतौर पर वहां जहां निजी बैंक नहीं पहुंचे थे। इसने न केवल आम लोगों को बचत और ऋण की सुविधा दी, बल्कि छोटे उद्यमियों, किसानों और ग्रामीण समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्थापना के 70 साल बाद एसबीआई देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है, जिसके पास लाखों ग्राहक, हजारों शाखाएं हैं।
वर्तमान में एसबीआई के पास भारत में 22,000 से अधिक शाखाएं और 62,000 से ज्यादा एटीएम हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी 36 देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। एसबीआई की शाखाएं प्रधानमंत्री जन धन योजना, मुद्रा योजना, और अन्य सरकारी योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
ग्रामीण शाखाएं छोटे किसानों, स्वयं सहायता समूहों और लघु उद्यमियों को ऋण और अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान करती हैं। भारत में एसबीआई की शाखाएं देश के वित्तीय ढांचे की रीढ़ हैं, जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में व्यापक सेवाएं प्रदान करती हैं। इसका वैश्विक नेटवर्क और डिजिटल पहल इसे आधुनिक और समावेशी बैंकिंग का प्रतीक बनाते हैं।
–आईएएनएस
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