'मैं पूरी रात सो नहीं सका था', टी20 विश्व कप की जीत को याद कर इमोशनल हुए रोहित शर्मा

नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। भारत ने एक साल पहले 29 जून 2024 को पुरुष टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। यह खिताब भारत ने रोहित शर्मा की कप्तानी में जीता था जो साल 2007 में पहला टी20 विश्व कप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे।
भारत के लिए साल 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद लंबे समय तक खिताबी सूखा रहा, जिसे आखिरकार ‘रोहित एंड कंपनी’ ने पिछले साल खत्म किया।
रोहित ने ‘जियो हॉटस्टार’ पर कहा, “बारबाडोस हमेशा मेरी रगों में रहेगा। यह मेरे क्रिकेट करियर का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है। उस ट्रॉफी को उठाना, आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप 2024 का चैंपियन बनना, यह सपना सच होने जैसा था। मैंने 2007 के टी20 विश्व कप में खेला था। हमने एमएस धोनी की कप्तानी में जीत हासिल की थी। अब राहुल द्रविड़ के हेड कोच के रूप में इसे फिर से जीतना इस टीम के लिए सबकुछ था।”
रोहित शर्मा ने कहा, “हमने दिल टूटते देखा है। हम इतने करीब आ गए थे। इसलिए यह इतना खास था। हमने हर दिन काफी मेहनत की और योजना बनाई। जब हम आखिरकार जीते, तो सारी भावनाएं छलक पड़ीं। युवा खिलाड़ी, खासकर जो अपना पहला विश्व कप खेल रहे थे, उन्हें एहसास हुआ कि जीतना कितना कठिन है। कुछ भी आसानी से हासिल नहीं होता। यह जादुई था।”
रोहित शर्मा से पूछा गया कि फाइनल के लिए मैदान पर उतरने से पहले उनके दिमाग में क्या चल रहा था?
इस पर रोहित ने स्वीकार किया कि फाइनल से पहले की रात उन्हें ठीक से नींद नहीं आई और घबराहट के चलते काफी पहले ही जाग गए। यह भारत के लिए उनका आखिरी टी20 मैच भी था।
रोहित शर्मा ने वनडे वर्ल्ड कप-2011 की जीत को याद करते हुए कहा, “13 साल एक लंबा समय है। अधिकांश लोगों का करियर भी 13 साल का नहीं होता। इसलिए, विश्व कप जीतने के लिए इतना लंबा इंतजार करना… मैंने आखिरी बार 2007 में (टी20) विश्व कप जीता था। मेरे लिए, इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती थी। मैं पूरी रात सो नहीं पाया। मैं सिर्फ विश्व कप के बारे में सोच रहा था। मैं घबराया हुआ था। क्या मैं घबराया हुआ था? बेशक। मैंने भले ही इसे जाहिर नहीं होने दिया, लेकिन अंदर यह घबराहट थी।”
रोहित शर्मा ने बताया, “हमें सुबह 8:30 या 9 बजे के आसपास निकलना था, लेकिन मैं 7 बजे उठ गया। अपने कमरे से मैदान देख सकता था और बस उसे देखता रहा। मुझे याद है कि मैंने सोचा था – ‘दो घंटे में वहां पहुंच जाऊंगा और चार घंटे में, नतीजा सामने आ जाएगा। या तो कप यहां होगा, या यहां नहीं होगा।”
खिताबी मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने सात विकेट गंवाकर 176 रन बनाए। विराट कोहली ने 76 रन जड़े। कोहली ने अक्षर पटेल के साथ 72 रन की साझेदारी की थी।
रोहित शर्मा ने कहा, “अगर आप पहले ओवर में तीन चौके लगाते हैं, तो जाहिर है, आपने अच्छी शुरुआत की है। यही तो हर क्रिकेटर चाहता है। इससे घबराहट कम होती है। इतने साल तक भारत के लिए खेलने का अनुभव भी उन पलों में मदद करता है। आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना, अपने विचारों को मैनेज करना और वर्तमान में रहना सीखते हैं। मुझे यकीन है कि वह (विराट कोहली) भी सोच रहे होंगे – ‘आज का दिन सबसे महत्वपूर्ण है। मुझे फोकस करने की जरूरत है और अतीत में जो हुआ उसके बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए।’ कोहली ने शानदार पारी खेली और अक्षर पटेल के साथ अहम साझेदारी की।”
रोहित शर्मा ने शुरुआती विकेट खोने पर घबराहट को स्वीकारते हुए कहा, “जब हमने शुरुआत में तीन विकेट खो दिए, तो ड्रेसिंग रूम में निश्चित रूप से घबराहट थी। मैं घबरा रहा था, सहज नहीं था। मुझे याद है मैंने सोचा था कि हमने उन्हें खेल में मौका दिया है। लेकिन मेरे मन में मुझे निचले मध्य क्रम – पांचवें, छठे, सातवें और आठवें स्थान पर भरोसा था।”
रोहित शर्मा ने कहा, “ज्यादातर लोग अक्षर पटेल की पारी के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन वह पारी वाकई गेम चेंजर थी। उस समय 31 गेंदों पर 47 रन बनाना अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण था। हमें अंत तक बल्लेबाजी करने के लिए किसी की जरूरत थी, और विराट ने यह काम बखूबी किया। किसी के लिए पारी को संभालना वाकई जरूरी था, और उन्होंने यह शानदार ढंग से किया। इससे शिवम, अक्षर और हार्दिक को खुलकर अपनी भूमिका निभाने का मौका मिला और उन्होंने ठीक वैसा ही किया।”
–आईएएनएस
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