पुणे में आपदा प्रबंधन को लेकर एक्शन प्लान तैयार : माधुरी सतीश मिसाल


पुणे, 26 जून (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार के नगर विकास राज्यमंत्री माधुरी सतीश मिसाल ने गुरुवार को पुणे महानगर पालिका मुख्यालय में नगर विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग और पीएमपीएल से संबंधित विषयों पर महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की।

बैठक के बाद माधुरी सतीश मिसाल ने बताया कि पुणे में लगातार दो वर्षों से बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है, इसलिए इस संदर्भ में आपदा प्रबंधन (डिझास्टर मॅनेजमेंट) को लेकर विशेष समीक्षा की गई। केंद्र सरकार के अंतर्गत एक परियोजना के माध्यम से आपदा प्रबंधन को 80 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं। महाराष्ट्र मित्रा योजना के अंतर्गत भी दो परियोजनाएं लागू की गई हैं, जिससे और भी धनराशि प्राप्त हो सकती है। मनपा ने कुल मिलाकर 600 से 700 करोड़ रुपए का योजना प्रारूप तैयार किया है और कुछ काम पहले से ही शुरू हो चुके हैं। दो अन्य परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार से निधि की मांग की गई है, जो राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

उन्होंने कहा कि वडगांव बुद्रुक में एक शुद्धिकरण केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मनपा की भूमिका की भी समीक्षा की गई। मनपा ने साढ़े चार हजार घरों की योजना बनाई है। कुछ जमीनों पर निर्माण प्रस्ताव भेजा गया है, जहां घर बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा, सुझाव दिया गया है कि पुणे जैसे शहर में जगह मिलना मुश्किल होता है, इसलिए जो भूखंड आरक्षित हैं, उन पर घर बनाए जाएं। इस तरह का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। यदि यह मंजूर होता है तो लक्ष्य को अच्छे तरीके से पूरा किया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि एक और बड़ा मुद्दा टैक्स वसूली का था। राज्य सरकार ने 150 दिनों का विशेष कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें टैक्स असेसमेंट और वसूली का टारगेट पहले से निर्धारित किया गया है। इस अवधि में मनपा को पूरी यंत्रणा लगाकर परिणाम देना है। इस कार्य में मनपा ने पूरी प्रणाली सक्रिय की है। इस बार टैक्स की बकाया राशि अधिक दिखाई दे रही है, क्योंकि कई घरों पर तीन गुना टैक्स लगाया गया है और उस पर दंड और ब्याज भी जुड़ गया है। इसके बावजूद, इस बार मनपा ने 950 करोड़ रुपए का अतिरिक्त टारगेट पूरा किया है, जिसके लिए मैंने विशेष रूप से उनकी सराहना की। जिन नागरिकों पर डेढ़ से दो लाख रुपए के बिल आए हैं, उनके लिए शासन को एक विशेष प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया है ताकि उन्हें दंड और ब्याज में राहत दी जा सके।

–आईएएनएस

एकेएस/पीएसके


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