2030 तक 300 एमटी इस्पात उत्पादन में 'सलेम स्टील प्लांट' की अहम होगी भूमिका : केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी


नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि इस्पात सिर्फ एक सामग्री नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय विकास की रीढ़ है और इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर इनोवेशन तक सरकार का लक्ष्य जिम्मेदारी के साथ विकास करना है।

सेल की इकाई सलेम स्टील प्लांट के दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने यहां जो तकनीक और अनुशासन देखा है, वह सराहनीय है।

केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, “यह प्लांट मेक इन इंडिया की सच्ची भावना को दर्शाता है।”

यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को इस्पात उत्पादन में ग्लोबल लीडर बनाने के व्यापक दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में हुआ, जिसका लक्ष्य 2030 तक 300 मिलियन टन (एमटी) इस्पात उत्पादन, 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करना और 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है।

प्लांट के अपने दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कच्चे स्क्रैप से लेकर पिघली हुई धातु और तैयार स्लैब तक इस्पात उत्पादन की व्यापक प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देखा।

उन्होंने स्क्रैपयार्ड, स्टील मेल्टिंग शॉप, इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (ईएएफ) और स्लैब कास्टर सहित महत्वपूर्ण परिचालन क्षेत्रों का दौरा किया।

उन्होंने टॉर्च कटिंग मशीन जैसे एडवांस इक्विप्मेंट और पिघले हुए लोहे को हॉट रोल्ड कॉइल और कोल्ड रोलिंग मिल में बदलने की प्रक्रिया को भी देखा।

सलेम में इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस-बेस्ड रूट भारत की डीकार्बोनाइजेशन प्रतिबद्धताओं के अनुरूप स्वच्छ, सस्टेनेबल इस्पात निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उन्होंने कहा, “इस प्लांट से निकलने वाले तैयार उत्पाद हर दिन घरों से लेकर उद्योगों तक लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं।”

ये उत्पाद रेलवे, डिफेंस, एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर और घरेलू उपयोगिताओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की सेवा करते हैं, जिससे सलेम स्टील प्लांट भारत के स्टेनलेस स्टील इकोसिस्टम में आधारशिला बन गया है।

चर्चाओं में प्रमुख बाधाओं को संबोधित किया गया, रणनीतिक हस्तक्षेपों की खोज की गई और रक्षा, रेलवे, एयरोस्पेस और सटीक इंजीनियरिंग के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र, विशेष स्टील में उत्पादन बढ़ाने को प्राथमिकता दी गई।

केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, “”हम इस रणनीतिक परिसंपत्ति को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। विशेष इस्पात भविष्य है और सलेम स्टील प्लांट सौर और पवन सहित रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल कर अधिक लागत-कुशल बन सकता है।”

–आईएएनएस

एसकेटी/


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