कोहली का संन्यास भारत के लिए सबसे बड़ा नुकसान: ज्योफ्री बायकाट


लंदन, 18 जून (आईएएनएस)। इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज ज्योफ्री बायकाट के अनुसार रोहित शर्मा के संन्यास से कहीं ज्यादा विराट कोहली की गैर-मौजूदगी भारत के लिए एक बड़ा झटका है। इसी के साथ उन्होंने विराट कोहली को टीम इंडिया का ‘की-प्लेयर’ बताया है।

बायकाट ने बुधवार को ‘डेली टेलीग्राफ’ में अपने कॉलम में लिखा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास कितना टैलेंट या अनुभव है। अगर आप मानसिक रूप से तरोताजा नहीं हैं और चुनौती के लिए तैयार नहीं हैं, तो यह थका देने वाला हो जाता है। रोहित एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं। अपने सर्वश्रेष्ठ समय में, एक बेहतरीन स्ट्रोक प्लेयर, लेकिन उन्हें कोहली जितना याद नहीं किया जाएगा, क्योंकि उनका टेस्ट रिकॉर्ड ‘असाधारण’ होने के बजाय ‘अच्छा’ था। पिछले कुछ सालों में उनकी बल्लेबाजी थोड़ी अनुचित रही।”

उन्होंने आगे लिखा, “रोहित, कोहली की तरह कभी भी स्वाभाविक एथलीट नहीं रहे। उन्हें पता है कि इंग्लैंड में पारी की शुरुआत करना काफी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि नई गेंद अधिक घूमती है। आपको वास्तव में सफलता के लिए चुनौती झेलने को तैयार रहना होगा। मुझे लगता है कि समय के साथ पारी की शुरुआत करने और तीनों फॉर्मेट में कप्तान होने की थकान ने उन्हें थका दिया है।”

रोहित और कोहली दोनों ने मई में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। इसी के साथ भारत को ओपनिंग और चौथे नंबर पर बैटिंग के लिए उपयुक्त बल्लेबाज की तलाश है। 36 वर्षीय कोहली ने 123 टेस्ट में 9,230 रन बनाए। वह टेस्ट में भारत के सर्वकालिक रन-स्कोरर की लिस्ट में चौथे स्थान पर हैं।

विराट कोहली और रोहित शर्मा की गैर-मौजूदगी में भारत के लिए इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज जीतना मुश्किल-सा नजर आ रहा है।

इंग्लैंड पिछले महीने ट्रेंट ब्रिज में जिम्बाब्वे को हराने के बाद भारत के खिलाफ इस अहम सीरीज में उतरेगा। बायकाट ने बेन स्टोक्स की अगुवाई वाली टीम से भारत को हराने के लिए अपनी बैजबॉल शैली को संयमित करने और कुछ कॉमनसेंस का इस्तेमाल करने का आग्रह किया है।

बायकाट ने अपने कॉलम में लिखा, “इंग्लैंड को भारत के खिलाफ जीत दर्ज करनी चाहिए, अगर वह अपने बैजबॉल को संयमित करें और कुछ कॉमनसेंस का उपयोग करें। कई बार उनका क्रिकेट रोमांचक और बेहद मजेदार रहा है, लेकिन लापरवाह बल्लेबाजी के चलते उन्होंने टेस्ट मैच भी गंवाए हैं। उनका एकमात्र मकसद जीतना होना चाहिए, क्योंकि यह बताने का कोई फायदा नहीं है कि आप कितने अच्छे हैं। पिछले तीन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल हमारे देश में खेले गए हैं, लेकिन इंग्लैंड उनमें से किसी के लिए भी क्वालीफाई नहीं कर पाया। उन्हें शर्मिंदा होना चाहिए। उनका लक्ष्य अगले डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचना होना चाहिए।

उन्होंने लिखा, “नया चक्र अब शुरू हो रहा है। किसी को इंग्लैंड के खिलाड़ियों को यह समझाना होगा कि विजेता होना एक एंटरटेनर के रूप में पहचाने जाने से बेहतर है। अगर आप जीतने के साथ मनोरंजन कर सकते हैं, तो यह एक बोनस है।”

उन्होंने आगे लिखा, “वह (इंग्लिश टीम) अपनी हार से बदलना या सीखना नहीं चाहते हैं। ऐसा लगता है कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इतने सारे इंग्लैंड के टॉप क्लास के पूर्व टेस्ट खिलाड़ी उन्हें अपनी बल्लेबाजी को संयमित करने के लिए कहते रहते हैं। इसलिए कृपया, अपना काम ठीक से करें। अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाएं और कुछ क्रिकेट की समझ का इस्तेमाल करें।”

–आईएएनएस

आरएसजी/आरआर


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