रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम
गुड़गांव। दो साल से ज्यादा होने के बावजूद हम अभी भी कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. कोरोना ने डर और चिंता पैदा कर जिंदगी के तमाम पहलुओं को बुरी तरह प्रभावित किया है. गंभीर बीमारी वाले मरीजों ने महामारी के दौरान बहुत कुछ सहा है. कैंसर के मरीज, उनके परिजन और तीमारदार कोविड-19 महामारी से अछूते नहीं रहे हैं। आम आबादी के मुकाबले कैंसर के मरीजों को संक्रमण का ज्यादा खतरा है। संक्रमित होने पर कोविड-19 का शिकार होने की अधिक संभावना है. इस तरह, संक्रमण का डर उन्हें समय पर इलाज कराने से दूर रख सकता है।
इस विषय पर अपने विचार साझा करते हुए, डॉ इंदु बंसल, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम ने कहा कि ”कैंसर के रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए उनके लिए हर समय कोविड के उचित व्यवहार का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। हम वर्तमान कोविड की स्थिति के कारण कैंसर के इलाज में किसी भी देरी की सलाह नहीं देते हैं क्योंकि रोग उच्च स्तर तक बढ़ सकता है जो बीमारी को लाइलाज बना सकता है। जिन रोगियों का सक्रिय उपचार चल रहा है, उन्हें अपनी कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी जारी रखनी चाहिए। हालांकि, जो मरीज ठीक हो गए हैं और उनमें कोई सक्रिय लक्षण नहीं हैं, वे टेली-परामर्श ले सकते हैं और इलाज करने वाले ऑन्कोलॉजिस्ट के परामर्श के बाद अपनी नियमित जांच करवाएं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि टीका लगवाएं, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और शौचालय की स्वच्छता बनाए रखें। पेशेंट हर समय मास्क पहनें। याद रखें कि सभी हास्पिटल अपने कैंसर रोगियों की सुरक्षा के लिए सभी सावधानी बरत रहे हैं, इसलिए डरें नहीं और अपने लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें और कैंसर का इलाज कराते रहें।”
बचाव
कैंसर के मरीजों को कीमोथैरेपी दी जाती है। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी आम व्यक्ति से कम होती है। इसके चलते उन्हें संक्रमण का खतरा अधिक होता है। संक्रमित होने के बाद इसके घातक परिणाम आने की संभावना भी अधिक रहती है। इस कारण कैंसर के मरीज को विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता है। सही तरीके से मास्क पहनने के साथ शारीरिक दूरी दो गज से अधिक रखना जरूरी है। कई बार जब कोई व्यक्ति छींकता है तो उसके नाक से निकलने वाले सूक्ष्म कण हवा में कई फीट की दूरी तक भी चले जाते हैं। इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है। आहार में फल-सब्जियों का उचित इस्तेमाल किया जाना चाहिए।