बेंगलुरु भगदड़ पर नहीं होनी चाहिए राजनीति, जिम्मेदार लोगों को मिलनी चाहिए सजा : तहसीन पूनावाला


नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। बेंगलुरु में हुई भगदड़ की घटना ने देशभर में हलचल मचा दी है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं पहले भी देश में हो चुकी हैं। उनके इस बयान को लेकर भाजपा ने उनकी संवेदनशीलता पर सवाल उठाए हैं।

वहीं कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने कहा कि बेंगलुरु की घटना बेहद दुखद बताया और इस पर राजनीति नहीं करने की सलाह दी। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब उत्तर प्रदेश या दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर हादसे हुए, तब बीजेपी नेताओं ने कहा था कि ऐसी घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किसी अन्य राज्य पर टिप्पणी नहीं की, बल्कि एक मजिस्ट्रेट कमेटी गठित की है, जो 15 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन इसके लिए जांच पूरी होने का इंतजार करना होगा।

इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भोपाल दौरे के दौरान ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दिए गए बयान ने भी विवाद खड़ा कर दिया है। तहसीन पूनावाला ने इस पर कहा कि अगर कोई सरेंडर कर रहा है, तो वह पाकिस्तान है। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को 3:30 बजे फोन कर सीजफायर की भीख मांगी थी।

पूनावाला ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का आधार पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख आसिफ मुनीर की एक भड़काऊ स्पीच थी, जिसमें उन्होंने हिंदू-मुसलमान विभाजन को सही ठहराया था। इसके जवाब में भारत ने पहलगाम में आतंकवादियों पर कार्रवाई की, जहां उनकी पहचान कर उन्हें मार गिराया गया। भारत आतंकवादियों को निशाना बनाकर न केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि वैश्विक मानवता की रक्षा भी कर रहा है। भारत का यह कदम दुनिया को आतंकवाद से बचाने की दिशा में है।

वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के ‘वन नेशन, वन हसबैंड’ के बयान ने भी सियासी तूफान खड़ा हो गया है। दरअसल मान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तंज कसते हुए कहा था कि क्या बीजेपी घर-घर जाकर सिंदूर बांटेगी और क्या यह ‘एक राष्ट्र, एक पति’ योजना है? इस पर पूनावाला ने जवाब देते हुए कहा कि भगवंत मान को कोई गंभीरता से नहीं लेता।

उन्होंने मान को ‘कॉमेडियन मिनिस्टर’ करार देते हुए कहा कि वो मुख्यमंत्री कम और कॉमेडियन मिनिस्टर ज्यादा हैं, वह कॉमेडी ज्यादा करते हैं। प्रधानमंत्री का जो पद होता है, उसका सबको सम्मान और आदर करना चाहिए। हर एक प्रधानमंत्री चाहता है कि देश आगे बढ़े। हम भले ही पीएम मोदी की राजनीति से सहमत न हों, लेकिन व्यक्तिगत हमला करना और उनका मजाक उड़ाना मुख्यमंत्री के पद पर बैठे व्यक्ति शोभा नहीं देता। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान बातों में थोड़ी गंभीरता लाएं, गंभीरता से पंजाब को चलाएं, उसमें पंजाब का और देश का दोनों का फायदा होगा।

इसके अलावा, केंद्र सरकार ने अगले साल से जातीय जनगणना शुरू करने की घोषणा की है। यह जनगणना दो चरणों में होगी, जिसमें पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में शुरू होगा।

पूनावाला ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी की मांग के बाद सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। 2011 की जनगणना के आंकड़े जारी नहीं किए गए, लेकिन अब जातीय जनगणना से यह स्पष्ट होगा कि कौन से समुदाय गरीबी रेखा के नीचे है और उन्हें सहायता की जरूरत है।

बिहार, कर्नाटक और तेलंगाना में हुए जातीय सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह कदम सामाजिक न्याय और संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

–आईएएनएस

एकेएस/जीकेटी


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