हिमाचल प्रदेश : झंडूता में प्राकृतिक खेती पर क्षेत्रीय संगोष्ठी का आयोजन


बिलासपुर, 4 जून (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के झंडूता में “प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान अभियान” के तहत एक क्षेत्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, जबकि हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में हिस्सा लिया।

संगोष्ठी में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और देशभर से हजारों किसानों ने भाग लिया, जो प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। झंडूता के विधायक जीतराम कटवाल और बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जमवाल भी इस अवसर पर मौजूद रहे। यह आयोजन साईं इंटरनल फाउंडेशन, शिमला और मानव विकास संस्थान कलोल झंडूता के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत से पहले गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने गार्ड ऑफ ऑनर लिया। इसके बाद किसानों ने उनका जोरदार स्वागत किया। आयोजन स्थल पर प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसका राज्यपाल ने निरीक्षण किया। दीप प्रज्वलन के साथ संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। इस दौरान झंडूता के विधायक जीतराम कटवाल, साईं इंटरनल फाउंडेशन और मानव विकास संस्थान के पदाधिकारियों ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और मंत्री राजेश धर्माणी को वेदों की प्रतियां और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

किसानों को संबोधित करते हुए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्राकृतिक खेती के फायदे बताए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश से इस अभियान की शुरुआत हुई थी, जब पूर्व भाजपा सरकार के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसके लिए 25 करोड़ रुपये का बजट रखा था। उन्होंने इस अभियान को देशभर में फैलाने की बात कही। साथ ही, उन्होंने वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार की भी सराहना की, जिसने इस अभियान को जारी रखा। उन्होंने खुशी जताई कि हिमाचल में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों मिलकर प्राकृतिक खेती को सफल बनाने में सहयोग दे रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आचार्य देवव्रत ने हिमाचल के राज्यपाल रहते हुए जीरो बजट प्राकृतिक खेती की शुरुआत की थी, जो अब गुजरात में भी चल रहा है।

उन्होंने बताया कि आचार्य देवव्रत 1200 किलोमीटर का सफर तय कर झंडूता पहुंचे, जो उनके इस अभियान के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि देश में हर साल 2 लाख करोड़ रुपये के रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक आयात होते हैं। यदि सभी किसान प्राकृतिक खेती अपनाएं, तो इस आयात की जरूरत खत्म हो जाएगी और यह राशि विकास कार्यों में लगेगी, जिससे देश प्रगति करेगा।

–आईएएनएस

एसएचके/जीकेटी


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