लखनऊ में 16वें वित्त आयोग की बैठक में यूपी सरकार ने अपनी आठ साल की उपलब्धियों को रखा

लखनऊ, 4 जून (आईएएनएस)। राजधानी लखनऊ में 16वें वित्त आयोग की बैठक बुधवार को संपन्न हुई। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने की। यूपी सरकार ने राज्य की 8 साल की उपलब्धियों को बैठक में रखा।
यूपी के 16वें वित्त आयोग की बैठक को लेकर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना पत्रकारों से बात करते हुए कहा, केंद्रीय करों में उत्तर प्रदेश को कितना हिस्सा मिलेगा। इसपर चर्चा हुई। हमने केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया का स्वागत किया। वो महान अर्थशास्त्री हैं, बहुत बड़े विद्वान हैं। जैसा उनका प्रोफाइल है और जिस प्रकार उन्होंने अपनी धार्मिक अभिरूची भी प्रदर्शित की, मैं उनका कायल हूं। हमें उम्मीद है कि कमीशन की जो बैठक हुई है, वह उत्तर प्रदेश के लिए लाभदायक होगी।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री योगी ने आदित्यनाथ आज विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के लिए जो मांग की है। सभी राज्यों के लिए जो अभी तक 41 प्रतिशत शेयर मिलता है, वह 50 प्रतिशत भी मिलना चाहिए। वहीं, उत्तर प्रदेश को किसी भी हालत में केंद्रीय करों में 20 प्रतिशत से कम न मिले, यह हमारी मांग है।”
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “16वें वित्त आयोग के समक्ष यूपी सरकार ने अपना प्रेजेंटेशन दिया है। यूपी की चौमुखी विकास के लिए जो आवश्यकताएं हैं विभागवार हमने अपनी समस्याएं और मांगे उनके सामने रखी हैं। हमें उम्मीद है कि 16वें वित्त आयोग अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया राज्य को आगे बढ़ाने के लिए अपना आशीर्वाद देंगे।”
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया, “उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्त आयोग के समक्ष आठ साल के उपलब्धियों को रखने का काम किया। साथ ही उन उपलब्धियों से वित्त आयोग पूरी तरह से संतुष्ट है, इसे हम देख पा रहे थे। हमारा प्रदेश लंबी छलांग लगाने में सफल होगा।”
लोकसभा नेता राहुल गांधी के हालिया बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, “वह पहले इस बात का जवाब दें कि क्यों कांग्रेस पार्टी ने देश का विभाजन करके पहला देशद्रोह करने का काम किया। फिर जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान को सौंपकर दूसरा देशद्रोह किया। फिर घाटी को अनुच्छेद 370 की हथकड़ी लगाकर तीसरा देशद्रोह किया। 1962 में चीन के हाथों जमीन गंवाकर देशद्रोह किया। वहीं अब पाकिस्तान और चीन का एजेंट बनकर बयान देना भारत की सेना और जनता का अपमान है।”
–आईएएनएस
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