दक्षिण कोरिया : ली ने अपने करीबी किम को प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया


सियोल, 4 जून (आईएएनएस)। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे-म्यांग ने बुधवार को अपने करीबी सहयोगी किम मिन-सोक को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया है। किम मिन-सोक डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी) के सांसद हैं, जो ली जे-म्यांग के बड़े सहयोगी भी रहे हैं।

किम मिन-सोक एक स्टूडेंट एक्टिविस्ट रह चुके हैं। राष्ट्रपति अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले किम चार बार के सांसद हैं। प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए संसदीय सुनवाई के बाद संसद की मंजूरी जरूरी है।

राष्ट्रपति कार्यालय की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ली ने कहा, “किम के पास शानदार विधायी अनुभव है। वह संकट से देश को बाहर निकालने और अर्थव्यवस्था में सुधार करने के लिए सही व्यक्ति हैं।”

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ली ने डीपी के सांसद कांग हून-सिक को अपने चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में नियुक्त किया है। कांग हून-सिक भी उनके अभियान का प्रमुख हिस्सा रहे थे।

वरिष्ठ राजनयिक वी सुंग-लैक को नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर, जबकि पूर्व यूनिफिकेशन मिनिस्टर ली जोंग-सोक को नेशनल इंटेलिजेंस सर्विस का प्रमुख नियुक्त किया गया।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे-म्यांग को चुनाव जीतने पर बधाई दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की उत्सुकता जताई।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, “ली जे-म्यांग को रिपब्लिक ऑफ कोरिया का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई। भारत-कोरिया के विशेष रणनीतिक साझेदारी को और विस्तार देते हुए और मजबूत करने के लिए एक साथ काम करने की उम्मीद है।”

डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी) के उम्मीदवार ली जे-म्यांग बुधवार को राष्ट्रपति चुने गए। यह जीत महीनों की उथल-पुथल के बाद आई। उनके पूर्व प्रतिद्वंद्वी को मार्शल लॉ लागू करने की असफल कोशिश के कारण महाभियोग और पद से हटाया गया था।

ली साल 2022 के पिछले चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल से एक प्रतिशत से भी कम अंतर से हारे थे।

हालांकि यून की दिसंबर में आपातकाल लागू करने की कोशिश ने ली के राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ कर दिया था, लेकिन इससे देश का राजनीतिक विभाजन अधिक गहराया और यूएस की टैरिफ नीतियों से लेकर उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु हथियार कार्यक्रम तक की चुनौतियों को बढ़ा दिया।

सभी वोटों की गिनती के बाद लिबरल डीपी के ली ने 49.42 प्रतिशत वोट हासिल किए, जबकि उनके कंजरवेटिव पीपल पावर पार्टी (पीपीपी) के प्रतिद्वंद्वी किम मून-सू को 41.15 प्रतिशत वोट मिले।

–आईएएनएस

आरएसजी/एएस


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