उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नीति आयोग की शासी परिषद की 10वीं बैठक में हुए शामिल


नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की 10वीं बैठक में शामिल हुए।

सीएम धामी ने कहा कि राज्य में तेजी से हो रहे शहरीकरण के चलते शहरों में ड्रेनेज की समस्या एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। बैठक में उन्होंने अनुरोध किया कि इस समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली विकसित करने के लिए विशेष योजना बनाई जाए।

मुख्यमंत्री ने ‘पीएम कृषि सिंचाई योजना’ की गाइडलाइंस में लिफ्ट इरिगेशन को सम्मिलित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों के कारण वर्तमान में पर्वतीय क्षेत्र का मात्र 10 प्रतिशत भूभाग ही सिंचित हो पा रहा है। उत्तराखंड में हिमनद आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने की दिशा में ‘नदी जोड़ो परियोजना’ के साथ ही चेक डैम्स और लघु जलाशयों के निर्माण के माध्यम से वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 में उत्तराखंड में पर्वतीय महाकुंभ के रूप में प्रसिद्ध ‘मां नंदा राजजात यात्रा’ तथा वर्ष 2027 में हरिद्वार में ‘कुंभ’ का आयोजन होना है। उन्होंने इन दोनों आयोजनों को ‘भव्य एवं दिव्य’ बनाने के लिए सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत’ के निर्माण में ‘डेमोग्राफिक डिविडेंड’ की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दृष्टि से आने वाले 10 वर्ष राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन्हीं वर्षों में हम ‘डेमोग्राफिक डिविडेंड’ का सर्वाधिक लाभ उठा सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य में विशेष रूप से स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की जीडीपी में प्राथमिक सेक्टर का योगदान जहां मात्र 9.3 प्रतिशत है, वहीं इस कार्य में लगभग 45 प्रतिशत आबादी लगी है। इस समस्या को देखते हुए हमने प्रदेश के काश्तकारों को ‘लो वैल्यू एग्रीकल्चर’ की बजाय ‘हाई वैल्यू एग्रीकल्चर’ अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ किया है, जिनमें एप्पल मिशन, कीवी मिशन, ड्रैगन फ्रूट मिशन, मिलेट मिशन तथा सगंध कृषि को प्रोत्साहन शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के सशक्त नेतृत्व में भारत वर्ष 2047 तक ‘विकसित एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र’ बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए उत्तराखंड सरकार भी दृढ़ संकल्पित होकर वित्तीय प्रबंधन और वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है। राज्य की अर्थव्यवस्था में पिछले तीन वर्षों में लगभग डेढ़ गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में नीति आयोग की एसडीजी रैंकिंग में जहां हमारे राज्य ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, वहीं इस वर्ष जारी हुई ‘केयरऐज रेटिंग रिपोर्ट’ में सुशासन एवं वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में छोटे राज्यों की श्रेणी में हमें दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य में ‘समान नागरिक संहिता’ कानून लागू किया गया। पिछले साढ़े तीन साल में राज्य के 23 हजार से अधिक युवा सरकारी नौकरी पाने में सफल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों को प्रधानमंत्री के नेट जीरो के विजन को ध्यान में रखते हुए ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर आयोजित किया गया। इन खेलों में ‘इलैक्ट्रॉनिक्स वेस्ट’ सामग्री की ‘रीसाइक्लिंग’ से 4,000 पदक तैयार किए गए। राज्य में पर्यटकों को साहसिक पर्यटन, इको टूरिज्म और हाई-एंड टूरिज्म के माध्यम से आकर्षित करने के लिए वृहद नीति बनाकर जमीनी स्तर पर कार्य शुरू किए गए हैं।

–आईएएनएस

एबीएम/एकेजे


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