पाकिस्तान ने अपने साथी देशों के साथ मिलकर भारत के खिलाफ कैसे किया फेक न्यूज का प्रसार, 'डिसइंफो लैब' ने किया खुलासा


नई दिल्ली, 14 मई (आईएएनएस)। 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और लक्षित कार्रवाई की। इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से भारत के नागरिक और सैन्य ठिकानों को ड्रोन और मिसाइल से टारगेट किया गया। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इन सभी हमलों को निष्क्रिय करते हुए भारतीय रक्षा की श्रेष्ठता को सिद्ध किया। अब भारत-पाकिस्तान संघर्ष भले ही सैन्य रूप से समाप्त हो गया हो, लेकिन इस संघर्ष के दौरान कई ऑनलाइन फेक न्यूज इंटरनेट पर वायरल होती रही, जिनकी बाद में पोल भी खुलती गई।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ‘डिसइंफो लैब’ हैंडल ने पोस्ट की एक सीरीज शेयर कर बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन, तुर्की से लेकर बांग्लादेश जैसे पाकिस्तान के साथियों ने भारत के खिलाफ गलत सूचनाओं को फैलाने में कैसे साथ दिया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने पश्चिमी मीडिया तक अपनी पहुंच का फायदा उठाकर भारत विरोधी प्रचार करना शुरू कर दिया। सीएनएन, रॉयटर्स, ब्लूमबर्ग, एनवाईटी जैसे पाकिस्तानी पत्रकारों ने बिना किसी सबूत के बेबुनियाद दावों के साथ भारत विरोधी बयानबाजी शुरू कर दी।

पोस्ट में आगे उदाहरण देते हुए बताया गया कि कैसे पाकिस्तान ने 8 मई को सफेद झूठ बोला कि उसने अमृतसर में नागरिक ठिकानों पर हमला नहीं किया। जबकि अगले ही दिन पाकिस्तान अमृतसर पर हमले का जश्न मना रहा था। इतना ही नहीं, डीजीआईएसपीआर ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह की क्लिप में छेड़छाड़ की और वीडियो से यह हिस्सा काट दिया जिसमें बताया गया था कि पाकिस्तान ने भारत के नागरिकों पर भी हमला किया है। डीजीआईएसपीआर ने गलत जानकारी फैलाने के लिए 2 साल पुरानी एक क्लिप भी चलाई जिसमें उसने बताया कि कैसे उनकी नौसेना भारत के खिलाफ तैयारियां कर रही है।

डीजीआईएसपीआर ने ‘आजतक’ की एक न्यूज क्लिप में हेराफेरी करके दावा किया कि भारतीय एयरफील्ड को नष्ट कर दिया गया है। जबकि मूल फुटेज में वास्तव में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के एयरफील्ड पर हमला दिखाया गया था। ऐसे ही ‘इंडिया टीवी’ की न्यूज क्लिप को भी तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। पाकिस्तान की सरकार के आधिकारिक हैंडल पर एक वीडियो गेम की क्लिप भी शेयर की गई, जिसमें दावा किया गया कि यह वास्तव में भारतीय एयरक्राफ्ट को मार गिराया जा रहा है। ऐसे ही सीएनएन के फेक ग्राफिक्स को भी पाकिस्तान ने अपने झूठे प्रचार के तौर पर इस्तेमाल किया। डीजीआईएसपीआर ने बिना किसी सैटेलाइट इमेजरी या सबूत के 26 भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले का दावा किया। भारतीय स्रोतों ने केवल 5 प्रभावित ठिकानों की पुष्टि की।

‘डिसइंफो लैब’ ने पोस्ट श्रृंखला में आगे खुलासा किया कि पाकिस्तानी सोशल मीडिया ने विंग कमांडर शिवांगी सिंह की गिरफ्तारी की झूठी खबर फैलाई। यहां तक कि ‘अल जजीरा’ ने भी शुरुआत में इस झूठी खबर को रिपोर्ट किया, लेकिन बाद में इसमें सुधार किया। बाद में डीजीआईएसपीआर ने स्वीकार किया कि उन्होंने किसी भारतीय पायलट को नहीं पकड़ा है। डीजीआईएसपीआर ने केवल यही झूठ कबूल किया है। ऐसे ही पाकिस्तान के इस दावे की भी पोल खोली गई है कि भारत ने सीजफायर के लिए अनुरोध किया था। भारत के 5 लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा भी झूठा साबित हुआ।

भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने चीन, तुर्की और पाकिस्तान के बीच गठबंधन को उजागर कर दिया है। तुर्की ने झूठे तथ्यों को बढ़ावा देकर पाकिस्तान के दावों को हवा दी। इसके लिए राज्य द्वारा वित्तपोषित मीडिया और सोशल मीडिया प्रचार तंत्र का दुरुपयोग किया गया। भारत ने यह भी पुष्टि की कि पाकिस्तान ने तुर्की और चीन के ड्रोन और मिसाइल को भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं, भारत के एक और पड़ोसी देश बांग्लादेश से भी सोशल मीडिया अकाउंट पर फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं की बाढ़ सी आ गई या उन्हें साझा किया गया, जिससे हजारों लोगों तक फर्जी खबरें पहुंचीं, यहां तक कि कुछ पोस्ट्स को हजार से अधिक बार रीट्वीट किया गया, जिनमें भारत को निशाना बनाया गया और नफरत फैलाई गई।

‘डिसइंफो लैब’ ने बताया कि ऐसे ही चीन से भी सोशल मीडिया हैंडल ने भारत के खिलाफ अभियान चलाने के लिए इंटरनेट पर असंख्य फर्जी खबरें/भ्रामक तस्वीरें/मनगढ़ंत तस्वीरें और वीडियो साझा किए।

–आईएएनएस

एएस/


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