कुछ ग्रो यूजर्स बने करोड़पति तो कुछ खो बैठे पैसा, तकनीकी गड़बड़ी ने बिगाड़ा खेल, बाद में हुआ ठीक

नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस)। ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ‘ग्रो’ ने सोमवार को जानकारी दी कि ऐप के कुछ यूजर्स को स्टॉक की कीमतों में विसंगतियों का सामना करना पड़ा। यह एक अस्थायी समस्या थी और बाद में इसे ठीक कर दिया गया।
इससे पहले तकनीकी गड़बड़ी के कारण ग्रो यूजर्स के निवेश मूल्यों को लेकर गलत जानकारी देखी गई। कुछ यूजर्स ने बताया कि उनके 1,000 रुपए के निवेश को ऐप पर गलत तरीके से 1,00,000 रुपए के निवेश के रूप में देखा जा रहा था। इससे कुछ यूजर्स को भ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ा।
तकनीकी गड़बड़ी के कारण कुछ यूजर्स के मुनाफे में 10,000 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई, जिससे कुछ अस्थायी रूप से करोड़पति बन गए, जबकि कुछ का निवेश मूल्य असल से बेहद कम हो गया।
‘ग्रो’ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया, ”हमारे कुछ यूजर्स को उनके स्टॉक प्राइस को लेकर विसंगतियों का सामना करना पड़ा। यह एक अस्थायी समस्या थी और अब इसका समाधान हो गया है।”
‘ग्रो’ की ओर से आगे कहा गया कि जिन यूजर्स के जीटीटी (गुड टिल ट्रिगर) इस वजह से ट्रिगर हुए हैं, उनसे ग्रो सहायता टीम संपर्क कर रही है और समाधान की पेशकश कर रही है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल ने कहा, “अगर आपको भी इस समस्या का सामना करना पड़ा है, तो हमें डायरेक्ट मैसेज करें।”
यह समस्या तब सामने आई जब कई यूजर्स ने विसंगतियों की रिपोर्ट करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
यूजर्स ने पोस्ट किया, “मेरे खाते पर मेरे कुछ जीटीटी ऑर्डर आपके ‘ग्रो’ मूल्य विसंगति या ‘ग्रो’ मूल्य निर्धारण के साथ समस्याओं के कारण बेचे गए थे। मेरे पास आपके पिछले और वर्तमान मूल्य निर्धारण की स्थिति का स्क्रीनशॉट है। कृपया उचित कार्रवाई करें और मामले को हल करें।”
दूसरे यूजर ने पोस्ट किया, “अगर हमारे नुकसान की भरपाई नहीं की गई तो हम ग्रो को छोड़ देंगे और दूसरे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर चले जाएंगे।”
गलत मूल्य प्रदर्शन के कारण बड़े व्यवधान हुए, कुछ यूजर्स ने गलत डेटा के आधार पर ट्रेडिंग निर्णय लिए। यह स्थिति उन लोगों के लिए निराशा और वित्तीय नुकसान का कारण बनी, जिन्होंने भ्रामक जानकारी पर काम किया।
एक ग्रो यूजर ने लिखा, “वाकई ग्रो 2.8 लाख रुपए की यह जबरदस्त तेजी देखकर मैंने सोचा कि मुझे सोना मिल गया है, पता चला कि यह केवल एक बग था। अब मैं खरीद का ऑर्डर भी ठीक से नहीं दे सकता क्योंकि राशि पूरी तरह गड़बड़ है।”
–आईएएनएस
एसकेटी/एबीएम