आतंकवादियों और उनके आकाओं को सदियों तक 7 मई का दिन याद रहेगा: रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एम.के. दास


जबलपुर, 7 मई (आईएएनएस)। पहलगाम आतंकी हमले का बदला भारत ने मंगलवार देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान में घुसकर नौ आतंकी ठिकानों को तबाह करके लिया। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एमके दास ने बुधवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सदियों तक आतंकवादियों और उनके आकाओं को 7 मई का दिन याद रहेगा।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ की। उन्होंने कहा, “‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से जिस तरह से भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आतंकवाद को करारा जवाब दिया है, उस पर मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। जिन बहनों का सुहाग उजड़ा था, उन्हें न्याय मिला है। हमें यह जानना होगा कि भारत ने यह सैन्य कार्रवाई पूरी तैयारी और संयम के साथ की है। नौ स्थान जहां 21 आतंकवादी टारगेट थे, उन्हें नष्ट किया गया है। इसमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर और ट्रेनिंग कैंप भी शामिल है। हमले में 90 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है। उन्हें बहुत नुकसान हुआ है। सदियों तक आतंकवादियों और उनके आकाओं को 7 मई का दिन याद रहेगा, जब भारत ने पूरे समर्थन के साथ यह सबक सिखाया है।”

उन्होंने कहा, “भारतीय सेना ने अपने क्षेत्र में रहते सटीक मिसाइलों के माध्यम से बेहतरीन काबिलियत का मुजायरा पेश किया है। अपने सीमा क्षेत्र के अंदर रहते हुए आतंकी अड्डों को नष्ट किया गया है। किसी भी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। साथ ही संयम बरतते हुए किसी भी पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया है। भारत ने विश्व के सामने एक बहुत ही सशक्त और मैच्योर देश होने का परिचय दिया है कि यह लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है। आतंकवाद को परास्त करने के लिए पहला कदम उठाया है।”

उन्होंने बताया, “भारतीय सेनाओं ने आतंकी हमले के बाद तुरंत तैयारी शुरू कर दी थी। बहुत बड़े स्तर पर यह तैयारी की गई है। जो छोटी-मोटी कमी थी, उसे तुरंत दूर कर लिया गया है। भारतीय सेना आजादी के बाद अब तक के सबसे मजबूत स्थान पर मौजूद है। उन्हें देश का पूरा सहयोग मिला है, जिससे उनका मनोबल बढ़ा हुआ है। वहीं, इसके विपरीत पाकिस्तान बिखरा हुआ है और वह किसी भी हालत में भारत से लोहा लेने की स्थिति में नहीं है। लेकिन इसके बावजूद अगर वह दुस्साहस दिखाता है, भारतीय सेना उसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।”

–आईएएनएस

एससीएच/डीएससी


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