हिन्दुओं को कनाडा से बाहर करने की खालिस्तान समर्थकों की धमकी पर हिन्दू संगठनों ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

ओटावा, 5 मई (आईएएनएस)। हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन (एचसीएफ) ने खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा आठ लाख हिंदुओं को कनाडा से वापस भेजने के आह्वान की सोमवार को कड़ी निंदा की।
कनाडा के टोरंटो स्थित माल्टन गुरुद्वारा में माल्टन और इटोबिकोक नगर कीर्तन के दौरान हिंदू विरोधी परेड निकाली गई।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है, जिसमें एक बड़े ट्रक पर जेल की प्रतिकृति दिखाई दे रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पुतले भी शामिल हैं।
एचसीएफ ने कहा कि इस तरह के बयान विभाजन को बढ़ावा देते हैं तथा हिंदू कनाडाई लोगों के खिलाफ नफरत फैलाते हैं।
एचसीएफ ने एक बयान में कहा, “ऐसी घृणित टिप्पणियों के जवाब में कई राजनीतिक नेताओं की चुप्पी को अंतर्निहित सहमति माना जाना चाहिए। सभी सांसदों और प्रांतीय संसद सदस्यों का यह कर्तव्य है कि वे पार्टी लाइन से ऊपर उठकर इस विभाजनकारी भावना के खिलाफ खड़े हों और धार्मिक सद्भाव तथा समावेशिता के प्रति कनाडा की प्रतिबद्धता की पुष्टि करें।”
बयान में कहा गया, “एक सभ्य समाज नफरत फैलाने और हमारे विविध समुदायों को तोड़ने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं कर सकता। हम कनाडाई लोगों से आग्रह करते हैं कि वे राजनेताओं को जवाबदेह ठहराएं – उनसे पूछें कि वे भविष्य की पीढ़ियों के लिए क्या विरासत छोड़ना चाहते हैं।”
फाउंडेशन ने कहा कि नगर कीर्तन का उद्देश्य “सभी धर्मों के लोगों को एकजुट करना है, जो सिख गुरुओं की शिक्षाओं को प्रतिबिंबित करता है, और इसका कभी भी राजनीतिक उकसावे या बहिष्कारपूर्ण बयानबाजी के लिए दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।”
कैनेडियन हिंदू चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी इस घटना की निंदा की। उसने एक बयान में कहा, “कनाडा में आठ हिंदू और 18.6 लाख से अधिक भारतीय-कनाडाई हैं। माल्टन और इटोबिकोक में आज के नगर कीर्तन में स्पष्ट रूप से हिंदुओं को निशाना बनाया गया। इस खतरनाक बयानबाजी की सभी नेताओं द्वारा निंदा की जानी चाहिए।”
कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद, विशेषकर हिंदुओं के विरुद्ध, बढ़ रहा है, तथा हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ के मामले बार-बार सामने आ रहे हैं।
–आईएएनएस
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