भारत में सोलर पीवी कंपोनेंट मार्केट 2029 तक बढ़कर 7 अरब डॉलर का हो जाएगा: रिपोर्ट


नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। भारत का सोलर फोटोवोल्टिक (पीवी) बैलेंस ऑफ सिस्टम (बीओएस) बाजार 2029 तक 16 प्रतिशत की कंपाउंडेड वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 7 अरब डॉलर हो जाएगा, जो कि 2024 में करीब 3 अरब डॉलर का था। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई रिपोर्ट में दी गई।

वनलैटिस की इंडस्ट्री रिपोर्ट के मुताबिक, “इस तेज विकास के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं, जिसमें भारत का 2030 तक 500 गीगावाट की गैर-जीवाश्म आधारित ऊर्जा क्षमता विकसित करना और 50 प्रतिशत बिजली रिन्यूएबल माध्यम से प्राप्त करना शामिल है।”

रिपोर्ट में बताया गया कि पीएम-कुसुम, ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्रोग्राम और दिल्ली सोलर एनर्जी पॉलिसी जैसी योजनाएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सोलर एनर्जी को लोकतांत्रिक बनाने में मदद कर रही हैं, जिससे बीओएस क्षेत्र में इनोवेशन, मैन्युफैक्चरिंग और इन्वेस्टमेंट के नए अवसर सामने आ रहे हैं।

रिपोर्ट में बीओएस सेगमेंट का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है, जिसमें पैनलों के अलावा सोलर पीवी इंस्टॉलेशन के सभी सहायक घटक शामिल हैं, जैसे कि इनवर्टर, माउंटिंग संरचनाएं, ट्रैकर्स, वायरिंग, कंबाइनर बॉक्स, सर्किट सुरक्षा उपकरण, मॉनिटरिंग सिस्टम, चार्ज कंट्रोलर और बैटरी आदि।

वनलैटिस के निदेशक- इंडस्ट्रियल गुड्स एंड सर्विसेज, अभिषेक मैती ने कहा, “जैसे-जैसे दुनिया डीकार्बोनाइजेशन की ओर बढ़ रही है, वैसे-वैसे सोलर पैनलों से आगे बढ़कर उन्हें सहारा देने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दिया जाएगा। हमारी ताजा रिपोर्ट सोलर एनर्जी को सही मायने में स्केलेबल और टिकाऊ बनाने में सिस्टम कंपोनेंट के संतुलन की जरूरी भूमिका को बताती है।”

वैश्विक बीओएस बाजार में भी मजबूत विस्तार होने की उम्मीद है, जो 2024 में अनुमानित 60 अरब डॉलर से बढ़कर 2029 तक लगभग 100 अरब डॉलर का हो जाएगा।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि जैसे-जैसे भारत रिन्यूएबल एनर्जी की ओर अपना रुख तेज कर रहा है, बीओएस सेगमेंट देश के एनर्जी ट्रांजिशन की यात्रा में एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक के रूप में उभर रहा है।

–आईएएनएस

एबीएस/


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