एएनआरएफ ने भारत के ईवी इकोसिस्टम में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए चुने 7 प्रोजेक्ट

नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) ने सोमवार को मिशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ हाई-इंपैक्ट एरियाज ऑन इलेक्ट्रिक व्हीकल (एमएएचए-ईवी) के तहत सहयोग के लिए 7 ई-नोड्स (हाई-इंपैक्ट प्रोजेक्ट) को चुनने की घोषणा की।
एमएएचए-ईवी के तहत चुने गए 7 ई-नोड्स में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे, इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स हैदराबाद, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सूरतकल, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बीएचयू, सीएसआईआर- केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, पिलानी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर शामिल हैं।
एएनआरएफ के राष्ट्रीय मिशन के तहत शुरू किए गए वर्तमान कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करना और इनोवेशन को बढ़ावा देना है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, एएनआरएफ एमएएचए-ईवी प्रस्ताव के लिए तीन रणनीतिक रूप से परिभाषित तकनीकी वर्टिकल (टीवी) पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो ट्रॉपिकल ईवी बैटरी और बैटरी सेल (टीवी-I), पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीन और ड्राइव (पीईएमडी)- (टीवी-II) और ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (टीवी-III) हैं।
इसमें सभी हितधारकों के बीच व्यापक उत्साह देखा गया और शैक्षणिक संस्थानों, आरएंडडी लैब्स और इंडस्ट्रियल सेक्शन से कंसोर्टिया मोड में 227 प्रस्ताव प्राप्त हुए।
मंत्रालय के अनुसार, चयनित ई-नोड्स में से दो ट्रॉपिकल ईवी बैटरी और सेल टेक्नोलॉजीज (टीवी-I) पर ध्यान केंद्रित करेंगे, तीन पावर इलेक्ट्रॉनिक्स मशीनों और ड्राइव (टीवी-II) पर काम करेंगे और शेष दो ई-नोड्स चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
एमएएचए-ईवी मिशन नेक्स्ट जेनरेशन इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सॉल्यूशन को लेकर भारत के नेतृत्व को आगे बढ़ाएगा।
इस बीच, एएनआरएफ ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस से प्रेरित एक ‘स्मॉल बिजनेस डीप टेक इनोवेशन’ प्रोग्राम को भी लॉन्च करेगा, जिसका उद्देश्य रियल-वर्ल्ड एप्लीकेशन के लिए टेक्नोलॉजी को बढ़ाने में स्टार्टअप और एमएसएमई का सपोर्ट करना है।
एएनआरएफ ‘क्लाउड ऑफ रिसर्च एंड इनोवेशन इंफ्रास्ट्रक्चर’ को भी पेश करेगा, जिसके साथ डीप टेक स्टार्टअप्स और संस्थानों को देश भर में कम इस्तेमाल किए गए इक्विप्मेंट को एक्सेस करने की सुविधा मिलेगी।
फाउंडेशन की ‘एआई-फॉर-साइंस’ पहल एक और प्रमुख आकर्षण है, जो फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी में साइंटिफिक इक्वेश्न को मॉडल करने के लिए एआई का इस्तेमाल करती है, जो कोर साइंटिफिक डोमेन में थ्योरी से प्रैक्टिस को लेकर समय बचाने में एक बड़ी उपलब्धि है।
–आईएएनएस
एसकेटी/एबीएम