वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत की निजी कंपनियां बढ़ा रही पूंजीगत व्यय : रिपोर्ट


नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। कमजोर मांग, भू-राजनीतिक तनाव और उच्च उधारी लागत जैसी चुनौतियों के बावजूद निजी कॉरपोरेट क्षेत्र की लगभग 30 प्रतिशत फर्मों ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपग्रेड के लिए निवेश करने की योजना बनाई है। मंगलवार को जारी हुए सरकारी सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।

सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, यह ट्रेंड आर्थिक निश्चितता में सुधार के बीच बढ़ते कॉरपोरेट आत्मविश्वास और निवेश के प्रति विवेकपूर्ण दृष्टिकोण को दर्शाता है।

सर्वेक्षण अनुमानों के अनुसार, लगभग 40.3 प्रतिशत एंटरप्राइजेज 2024-25 के दौरान मुख्य एसेट्स में पूंजीगत व्यय करने की योजना बना रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 28.4 प्रतिशत एंटरप्राइजेज मौजूदा एसेट्स में वैल्यू एडिशन में निवेश की योजना बना रहे हैं, जबकि लगभग 11.5 प्रतिशत एंटरप्राइजेज अवसरवादी एसेट्स और 2.7 प्रतिशत एंटरप्राइजेज लोन रणनीतियों पर फोकस कर रहे हैं।

सर्वेक्षण के अनुसार, निजी कॉरपोरेट क्षेत्र में प्रति एंटरप्राइज एवरेज ग्रॉस फिक्स्ड एसेट्स 2021-22 में 3,151.9 करोड़ रुपए से बढ़कर 2022-23 में 3,279.4 करोड़ रुपए और 2023-24 में 4,183.3 करोड़ रुपए हो गई, जो सालाना आधार पर 27.5 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है।

वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के लिए प्रति एंटरप्राइजेज अनुमानित पूंजीगत व्यय क्रमशः 109.2 करोड़ रुपए, 148.8 करोड़ रुपए और 107.6 करोड़ रुपए था।

इसके अलावा, 2024-25 में नई एसेट्स की खरीद के लिए प्रति एंटरप्राइजेज अनुमानित पूंजीगत व्यय 172.2 करोड़ रुपए है। 2021-22 से 2024-25 तक चार साल की अवधि में कुल पूंजीगत व्यय (अनवेटेड) में 66.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

पूंजीगत व्यय सर्वेक्षण का प्राथमिक उद्देश्य पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2021-22, 2022-23 और 2023-24) से निजी कॉरपोरेट क्षेत्र के उद्यमों के पूंजीगत व्यय के रुझान का अनुमान लगाना है, साथ ही चालू वर्ष (2024-25) और आगामी वित्तीय वर्षों (2025-26) के लिए अनुमानित पूंजीगत व्यय का भी अनुमान लगाना है।

–आईएएनएस

एबीएस/एबीएम


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