सीसीपीए ने सर्विस चार्ज वापस न करने पर दिल्ली के पांच रेस्टोरेंट को भेजा नोटिस


नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने मंगलवार को कहा कि प्राधिकरण ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद अनिवार्य सेवा शुल्क वापस न करने पर पांच रेस्टोरेंट के खिलाफ स्वयं संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है।

इन रेस्टोरेंट में मखना डेली, जीरो कोर्टयार्ड, कैसल बारबेक्यू, चायोस और फिएस्टा बाय बारबेक्यू नेशन का नाम शामिल है।

विनियामक ने राष्ट्रीय राजधानी के इन पांच रेस्टोरेंट को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत नोटिस भेजा है, जिसमें रेस्टोरेंट को सेवा शुल्क की राशि वापस करने का निर्देश दिया गया है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा, “इस उपाय का उद्देश्य किसी भी रेस्टोरेंट में सेवाओं का लाभ उठाते समय उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त राशि का भुगतान करने के लिए पड़ने वाले अनुचित दबाव को कम करना है। कोई भी होटल या रेस्टोरेंट उपभोक्ता को सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है या किसी अन्य शुल्क के नाम से उपभोक्ताओं से सेवा शुल्क नहीं वसूल सकता।”

सीसीपीए ने 2022 में होटलों और रेस्टोरेंट में सेवा शुल्क को लेकर अनुचित व्यापार प्रथाओं पर अंकुश लगाने और उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे।

दिशा-निर्देशों में कहा गया था कि कोई भी होटल या रेस्टोरेंट खाने के बिल में ऑटोमैटिकली या डिफॉल्ट रूप से सेवा शुल्क नहीं जोड़ेगा।

मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी दूसरे शुल्क के नाम से सेवा शुल्क का संग्रह नहीं किया जाएगा और कोई भी होटल या रेस्टोरेंट उपभोक्ता को सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं करेगा।

इसके अलावा, उपभोक्ता को स्पष्ट रूप से सूचित किया जाएगा कि सेवा शुल्क स्वैच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता के विवेक पर है।

दिशा-निर्देशों के अनुसार सेवा शुल्क के संग्रह के आधार पर प्रवेश या सेवाओं को लेकर उपभोक्ताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।

28 मार्च, 2025 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेवा शुल्क पर सीसीपीए के दिशा-निर्देशों को बरकरार रखा था।

इसके बाद, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1915 पर प्राप्त शिकायतों से सीसीपीए के संज्ञान में आया कि कुछ रेस्टोरेंट उपभोक्ताओं से उनकी पूर्व सहमति के बिना अनिवार्य सेवा शुल्क लगाना जारी रख रहे हैं।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम


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