असम की बॉयो रिफाइनरी में बांस से बनेगा इथेनॉल, उत्तर-पूर्व के किसानों की बढ़ेगी आय
नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की ओर से भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए इथेनॉल को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी क्रम में अब असम में भी बॉयो-इथेनॉल प्लांट करीब तैयार हो गया है।
असम बॉयो-इथेनॉल प्लांट की क्षमता 49 किलो टन प्रति वर्ष (केटीपीए) होगी। इस प्लांट में बांस से इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा और इससे उत्तर-पूर्व के करीब 30,000 ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर गुरुवार को कहा कि पर्यावरण और हमारी आर्थिक उन्नति के बीच बेहतर तालमेल को दर्शाती ये तस्वीरें असम बॉयो-इथेनॉल प्लांट की हैं, जहां ‘ग्रीन गोल्ड’ यानि बांस से इथेनॉल का उत्पादन होने जा रहा है।
उन्होंने आगे लिखा, “49 केटीपीए उत्पादन क्षमता वाली इस बॉयो रिफाइनरी से 30,000 ग्रामीण परिवारों के जीवन में नया सूर्योदय होगा। यह असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और नागालैंड के बांस किसानों के आर्थिक जीवन को और समृद्ध करने के लिए लगभग तैयार है।”
पुरी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘अन्नदाता से ऊर्जादाता’ का मंत्र किसानों की आय बढ़ाता है। साथ ही रोजगार के नए अवसर पैदा करता है और देश का धन बचाने के साथ पर्यावरण के लिए एक वरदान साबित हो रहा है।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बायो-इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन 2025 के सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किया जा सकता है। इसके लिए असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा पीएम मोदी को राज्य आने का न्यौता भी दे चुके हैं।
पुरी के मुताबिक, मोदी सरकार की इथेनॉल क्रांति से किसानों को अब तक 1,07,580 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय हुई है। वहीं, देश के 1,26,210 करोड़ रुपए विदेश में जाने से बचे हैं।
इसके अलावा, इथेनॉल की उपलब्धता से 214 लाख मीट्रिक टन क्रूड ऑयल का आयात कम हुआ है। वहीं, कार्बन उत्सर्जन में 643 लाख मीट्रिक टन की कमी आई है।
–आईएएनएस
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