वित्त वर्ष 2025 में भारत का चमड़ा और फुटवियर निर्यात 25 प्रतिशत बढ़कर 5.7 बिलियन डॉलर पर पहुंचा


नई दिल्ली, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के चमड़ा और गैर-चमड़ा फुटवियर निर्यात में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 5.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में उद्योग के 6.5 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है।

फुटवियर निर्यातकों का प्रतिनिधित्व करने वाली सीएलई का कहना है कि विकसित और विकासशील दोनों देशों से मांग मजबूत बनी हुई है, जो वृद्धि में योगदान दे रही है।

सीएलई के कार्यकारी निदेशक आर सेल्वम ने बताया, “भारत ने 2024-25 के लिए अपने निर्यात लक्ष्य को 1 बिलियन डॉलर से पार कर लिया है, जो वाणिज्य विभाग से निर्धारित लक्ष्य है।”

सेल्वम ने कहा, “2024-25 में, हमने वाणिज्य विभाग से निर्धारित निर्यात लक्ष्य को 1 बिलियन डॉलर से अधिक कर लिया है। इस ट्रेंड के अनुसार, 2025-26 में हमारा निर्यात 6.5 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा।”

सीएलई के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार जालान ने बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे प्रमुख बाजारों में निर्यात अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।

10 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि के बावजूद, निर्यातक अपने व्यापारिक संबंधों को बनाए रखने के लिए छूट दे रहे हैं और कोई ऑर्डर रद्द नहीं हुआ है।

जालान ने यह भी कहा कि अप्रैल के मध्य तक स्थिति सामान्य हो गई है। उन्होंने अमेरिका के साथ चल रही द्विपक्षीय व्यापार चर्चाओं में भारत सरकार को ‘जीरो फॉर जीरो’ शुल्क प्रस्ताव का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा, “14-15 अप्रैल से स्थिति सामान्य है। हमने अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते में सरकार को ‘जीरो फॉर जीरो’ शुल्क का सुझाव दिया है।”

फुटवियर उद्योग श्रम-प्रधान है, जो लगभग 42 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है। 19 बिलियन डॉलर के कुल कारोबार के साथ, इस क्षेत्र में 5 बिलियन डॉलर का निर्यात शामिल है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग अपने भविष्य को लेकर आशावादी है और 2030 तक कुल कारोबार 39 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जिसमें 25 बिलियन डॉलर का घरेलू उत्पादन और 13.7 बिलियन डॉलर का निर्यात शामिल है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, भारत में उत्पादन इकाइयां स्थापित करने के लिए भारतीय फुटवियर निर्माताओं के साथ सहयोग करने के इच्छुक चीनी निवेशकों की रुचि बढ़ रही है, जिससे इस क्षेत्र की वृद्धि की संभावना को और बढ़ावा मिलेगा।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम


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