जीतू पटवारी ने ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा को घेरा, कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर अत्याचार का उठाया मुद्दा


भोपाल, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ओबीसी आरक्षण और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कथित अत्याचार को लेकर मोहन यादव सरकार पर तीखा हमला बोला है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ओबीसी समुदाय के 27 प्रतिशत आरक्षण को लागू नहीं करना चाहती और पीछे के रास्ते से इसे रोक रही है। पटवारी ने कहा कि चाहे पुलिस भर्ती हो या सब-इंजीनियर की, सरकार ने 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी है।

पटवारी ने शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा, “18 साल तक ओबीसी वर्ग ने शिवराज को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन उन्होंने ओबीसी के साथ पाप किया। पिछले डेढ़ साल से मोहन यादव मुख्यमंत्री हैं और अब वह भी इस पाप के भागीदार बन रहे हैं।”

उन्होंने दावा किया कि सरकार कोर्ट का हवाला देती है, लेकिन उनके वकील प्रशांत सिंह मामले में सही तरीके से पक्ष नहीं रखते, जिससे आरक्षण लागू नहीं हो पा रहा।

पटवारी ने घोषणा की कि वह मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर मांग करेंगे कि जातिगत जनगणना कराई जाए और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण तुरंत लागू किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो ओबीसी महासभा के साथ मिलकर कांग्रेस कोर्ट से लेकर सड़क तक संघर्ष करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि आरक्षण न मिलने और सरकारी भर्तियों में रुकावट के कारण 22 लोग आत्महत्या कर चुके हैं, जो सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।

इंदौर में कांग्रेस नेता चिंटू चौकसे की गिरफ्तारी पर पटवारी ने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जिला प्रशासन और पुलिस भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में हमारे कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है और झूठे केस लगाए जा रहे हैं। चिंटू चौकसे को जेल भेजकर हमें डराया नहीं जा सकता।”

उन्होंने इस मामले में डीजीपी से मुलाकात करने की बात कही। पटवारी ने कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने और अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ओबीसी के हक और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर मंच पर संघर्ष करेगी।

गुना के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के तबादले पर भी पटवारी ने सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “सरकार का चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ चुका है। यह सरकार एसपी और कलेक्टर को अपना नौकर बनाना चाहती है। मैं इस तबादले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।”

–आईएएनएस

एकेएस/सीबीटी


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