जाम्बिया में एमपॉक्स से दूसरी मौत की पुष्टि, मामले बढ़कर 49 हुए

लुसाका, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। दक्षिणी अफ्रीकी देश जाम्बिया में एमपॉक्स बीमारी से दूसरी मौत की पुष्टि हुई है। अब तक देश में इस बीमारी के कुल 49 मामले सामने आ चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्री एलिजा मुचिमा ने गुरुवार को बताया कि जाम्बिया के मुचिंगा प्रांत के मपिका जिले में एमपॉक्स बीमारी से दूसरी मौत हुई है। इस घटना में एक 10 साल का बच्चा भी शामिल है।
देश में पिछले साल अक्टूबर में एमपॉक्स से पहला मामला सामने आया था और इसके बाद पिछले महीने इस बीमारी से पहली मौत हुई।
मंत्री जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देश में 2 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच 13 नए मामले सामने आए हैं। अब तक कुल 49 मामले हो चुके हैं और देश के 10 में से 6 राज्यों में ये मामले मिले हैं। अब तक 32 लोगों का इलाज किया जा चुका है और उन्हें घर भेज दिया गया है, जबकि 15 लोग अभी होम आइसोलेशन पर हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय एमपॉक्स के मामलों की जांच और पता लगाने के लिए और इसे फैलने से रोकने के लिए अन्य सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
इस बीच, देश में हैजा के कुल मामले भी 490 तक पहुंच गए हैं। पिछले दो हफ्तों में 18 नए मामले सामने आए हैं। मंत्री ने बताया कि अब तक लगभग 480 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि नौ लोगों की मौत हो गई है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एमपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है। इससे शरीर पर दर्दनाक दाने निकल सकते हैं, लिम्फ नोड्स बढ़ सकती है, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द और थकान भी हो सकती है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर लोग इस बीमारी से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोग बहुत बीमार भी हो सकते हैं।
एमपॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, खासकर जब कोई ऐसे व्यक्ति के करीब आता है जिसे मंकीपॉक्स है, जैसे कि घर के सदस्य। करीबी संपर्क में त्वचा से त्वचा का संपर्क, मुंह से मुंह या मुंह से त्वचा का संपर्क शामिल है। यह ऐसे व्यक्ति के सामने होने पर भी फैल सकता है जिसे संक्रमण है (जैसे कि एक-दूसरे के पास बात करना या सांस लेना, जिससे संक्रामक कण हवा में आ सकते हैं)।
एमपॉक्स के लक्षण आमतौर पर संपर्क के 1-21 दिन बाद शुरू होते हैं, लेकिन अक्सर ये एक सप्ताह के भीतर दिखने लगते हैं। लक्षण आमतौर पर 2-4 हफ्ते तक रहते हैं, लेकिन जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उनमें ये लक्षण ज्यादा समय तक रह सकते हैं।
–आईएएनएस
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