भारत का यात्रा और पर्यटन क्षेत्र निकट भविष्य में वैश्विक औसत तक पहुंच सकता है : जूलिया सिम्पसन

नई दिल्ली, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत में यात्रा और पर्यटन की बढ़ती महत्ता के बीच विश्व यात्रा एवं पर्यटन परिषद की अध्यक्ष एवं सीईओ जूलिया सिम्पसन ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि निकट भविष्य में भारत इस क्षेत्र में वैश्विक औसत 10 प्रतिशत तक भी पहुंच सकता है।
‘भारत यात्रा एवं पर्यटन स्थिरता सम्मेलन- 2025’ में वीडियो मैसेज के जरिए सिम्पसन ने भारतीय अर्थव्यवस्था में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र के योगदान के 10 प्रतिशत वैश्विक औसत तक पहुंचने की उम्मीद जताई है।
सिम्पसन ने कहा, “देश में भारतीय अर्थव्यवस्था का 7 प्रतिशत हिस्सा यात्रा और पर्यटन पर निर्भर है। वहीं, वैश्विक आंकड़ा 10 प्रतिशत है।” उन्होंने आगे कहा कि भारत वर्तमान में जिस गति से आगे बढ़ रहा है, उससे यही कहा जा सकता है कि जल्द ही भारत वैश्विक औसत तक पहुंच सकता है।
सिम्पसन ने आगे कहा कि हमने जिस बड़े आंकड़े तक पहुंचने की बात की वह 230 बिलियन यूएस डॉलर का है। इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि अगले 10 वर्षों में हम भारत में यात्रा और पर्यटन के क्षेत्र के 7 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं, जो कि भारत को लेकर एक असाधारण विकास अवसर होगा। हालांकि, उन्होंने इस क्षेत्र के निकट भविष्य में वैश्विक औसत तक पहुंचने की बात भी दोहराई।
सिम्पसन ने यात्रा और पर्यटन में निवेश करने और इस क्षेत्र की “समुदायों और लोगों के जीवन को वास्तव में बदलने की शक्ति” को पहचानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सराहना की।
यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में सस्टेनेबल प्रैक्टिस की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग 4.8 प्रतिशत यात्रा और पर्यटन क्षेत्र से आता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत अपनी कार्बन तीव्रता को वैश्विक औसत से अधिक तेजी से कम कर रहा है। यह 13 प्रतिशत कम हो रही है।
भारत ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इस साल की शुरुआत में केंद्र की ओर से जानकारी दी गई थी कि भारत ने 2019 की तुलना में 2020 में ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में 7.93 प्रतिशत की कमी हासिल की है। यह देश के सस्टेनेबल भविष्य के लिए प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
–आईएएनएस
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