सिदो-कान्हू को नमन, क्रांति स्थल पर चढ़ाए फूल, सीएम सोरेन ने 437 करोड़ की सौगात भी दी

साहिबगंज, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को 1856 की संथाल हूल क्रांति के नायक अमर शहीद सिदो-कान्हू की जयंती पर उन्हें नमन करने उनके जन्मस्थल साहिबगंज जिले के भोगनाडीह गांव पहुंचे। उन्होंने शहीदों के स्मारक ‘क्रांति स्थल’ पर फूल चढ़ाए और उस ऐतिहासिक बरगद पेड़ की परिक्रमा की, जिस पर अंग्रेजों ने हूल क्रांति के नायकों को फांसी पर चढ़ा दिया था।
इस मौके पर आयोजित एक राजकीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सोरेन ने लगभग 437 करोड़ की लागत वाली 507 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के बीच करीब 180 करोड़ की परिसंपत्ति का भी वितरण किया।
कार्यक्रम स्थल पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर पुरखों के संघर्ष और बलिदान से प्रेरणा लेकर हमें यहां की सामाजिक संरचना, सभ्यता और संस्कृति को सर्वोपरि रखते हुए झारखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा करना है।
सोरेन ने कहा कि 25 साल पहले झारखंड के अलग राज्य बनने के साथ जिन लोगों के हाथ में सत्ता आई, उन पर इसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने झारखंड को समस्याओं के दलदल में धकेल दिया। जनता ने 2019 में हमें राज्य में सरकार बनाने का मौका दिया। हमारी सरकार ने इसकी नींव को इतना मजबूत कर दिया है कि अब यह झारखंड विकास की राह पर चलेगा नहीं, बल्कि दौड़ेगा। राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और गांवों के लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए निरंतर काम चल रहा है।
सोरेन ने कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था अलग-अलग कारणों से बुरे दौर से गुजर रही है, लेकिन ऐसी स्थिति में भी झारखंड में हमलोग विकास के कार्यों को निरंतर गति दे रहे हैं। हमलोग बातें करने से ज्यादा काम करने पर ध्यान देते हैं।
उन्होंने राज्य में लगातार चौथे साल चलाए जाने वाले ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले की सरकार में लोग बीडीओ, सीओ के कार्यालय के चक्कर काट-काटकर थक जाते थे, पर उनका काम नहीं होता था। योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलता था, लेकिन आज ‘अबुआ’ (अपनी) सरकार है।
इस कार्यक्रम में सांसद विजय हांसदा, विधायक कल्पना सोरेन और हेमलाल मुर्मू भी मौजूद रहे।
–आईएएनएस
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