अदाणी समूह के 750 मिलियन डॉलर के बॉन्ड इश्यू में सबसे बड़ा निवेशक अमेरिकी प्रमुख ब्लैकरॉक


नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय दिग्गज अदाणी समूह द्वारा जारी किए गए 750 मिलियन डॉलर के निजी बॉन्ड में अमेरिका स्थित प्रमुख एसेट मैनेजर ब्लैकरॉक सबसे बड़ा निवेशक है। यह जानकारी गुरुवार को सूत्रों की ओर से दी गई।

मामले से जुड़े लोगों के अनुसार, ब्लैकरॉक का यह कदम भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एसेट मैनेजर का पहला निजी प्लेसमेंट है।

ब्लैकरॉक की भागीदारी यह भी संकेत देती है कि उसे अमेरिका में कानूनी कार्यवाही से समूह के लिए किसी महत्वपूर्ण परिचालन व्यवधान को लेकर कोई आशंका नहीं है।

वैश्विक स्तर पर 12 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति की देखरेख करने वाले ब्लैकरॉक ने 750 मिलियन डॉलर के इश्यू का एक तिहाई हिस्सा अपने पास ले लिया है, जिसकी अवधि 3 से 5 साल की है।

ब्लैकरॉक के अलावा, अदाणी समूह के पूंजी जुटाने में पांच अन्य संस्थागत निवेशकों ने भी भाग लिया।

सूत्रों के अनुसार, अदाणी समूह के प्रमोटर फैमिली की पूर्ण स्वामित्व वाली ऑफशोर एंटिटी रिन्यू एक्जिम डीएमसीसी के 750 मिलियन डॉलर के बॉन्ड इश्यू का इस्तेमाल आईटीडी सीमेंटेशन के अधिग्रहण और दूसरे विकास के अवसरों को फाइनेंस करने के लिए किया जाएगा।

अदाणी समूह ने इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अपनी इंजीनियरिंग क्षमताओं को मजबूत करने के उद्देश्य से पिछले साल आईटीडी सीमेंटेशन में अपने प्रमोटर्स से 5,888.57 करोड़ रुपये में 46.64 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की थी।

रिन्यू एक्जिम ने तब से 400 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से ओपन ऑफर के जरिए अतिरिक्त 20.81 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है।

जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट और तूतीकोरिन, मुंद्रा और विझिनजाम में बंदरगाहों जैसी प्रमुख परियोजनाओं पर अपने काम के लिए दुनियाभर में मशहूर आईटीडी सीमेंटेशन को अदाणी की लॉन्ग-टर्म निवेश महत्वाकांक्षाओं के लिए एक रणनीतिक संपत्ति के रूप में देखा जाता है।

ब्लैकरॉक के चेयरमैन लैरी फिंक के अनुसार, “इंफ्रास्ट्रक्चर सबसे रोमांचक लॉन्ग टर्म निवेश अवसरों में से एक है, क्योंकि कई संरचनात्मक बदलाव वैश्विक अर्थव्यवस्था को नया आकार देते हैं।”

अदाणी समूह दुनिया के सबसे बड़े निवेशक के प्रवेश को एक मजबूत विश्वास मत के रूप में देखता है।

यह अदाणी समूह का दूसरा निजी डॉलर बॉन्ड जारी करने को दिखाता है। समूह ने फरवरी में अपने ऑस्ट्रेलियाई बंदरगाह संचालन के लिए लगभग 200 मिलियन डॉलर जुटाए थे।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम


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