तोरखम सीमा का खुलना अस्थायी हल, अफगानिस्तान के साथ स्थायी समाधान जरूरी : पाकिस्तान


इस्लामाबाद, 21 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान सरकार ने तोरखम सीमा के फिर से खुलने को केवल एक अस्थायी समाधान बताया है। उसका कहना है कि एक ‘स्थायी प्रणाली’ स्थापित करने के लिए अफगानिस्तान के साथ आगे चर्चा की जाएगी।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तोरखम सीमा लगभग एक महीने तक बंद फिर से खुली है।

विवादित सीमा के आसपास अफगान बलों की ओर से निर्माण कार्य करने की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया जिसकी वजह से तोरखम क्रॉसिंग को बंद करना पड़ा।

पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मौजूदा व्यवस्था केवल अगले कुछ सप्ताहों तक जारी रहेगी।

पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा कि तोरखम सीमा पर जो वर्तमान व्यवस्था है, वह आपसी बातचीत से बनाई गई है और यह एक सकारात्मक कदम है। यह व्यवस्था 15 अप्रैल तक लागू रहेगी। हमें उम्मीद है कि उस समय तक तोरखम सीमा पर एक स्थायी व्यवस्था बनाने के लिए और बातचीत की जाएगी, जो बिना रुकावाट आवाजाही को स्थायी रूप दे।

पाकिस्तान ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अफगान पक्ष बिना दूसरे पक्ष से बातचीत किए सीमा पर फिर से कोई नई संरचना न बनाए।

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि अगर 15 अप्रैल तक इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ, तो सीमा को फिर से बंद किया जा सकता है।

इस सप्ताह की शुरुआत में दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद तोरखम व्यापार मार्ग को सभी प्रकार की आवाजाही के लिए खोलने का फैसला किया गया, जिसे 21 फरवरी को बंद कर दिया गया था।

तोरखम सीमा पर स्थिति 4 मार्च को तब बिगड़ गई जब सीमा को दोबारा खोलने के लिए वार्ता नाकाम हो गई जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और अफगान तालिबान लड़ाकों के बीच गोलीबारी हुई। हिंसक झड़पों के चलते सीमा के निकट कई सशस्त्र बल कर्मियों और नागरिकों की मौत हो गई है।

तोरखम अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सबसे महत्वपूर्ण क्रॉसिंगों में से एक है, जो दोनों देशों के बीच सबसे अधिक व्यापार और आवागमन को संभालता है।

–आईएएनएस

एसएचके/एमके


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