क्रिएटिविटी- इनोवेशन और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को हायरिंग में अहमियत दे रही कंपनियां


नई दिल्ली, 19 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय उद्योग जगत एक फंडामेंटल स्किल रीसेट दौर से गुजर रहा है। बुधवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह दावा किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार कंपनियां पांच सबसे तेजी से बढ़ते स्किल क्रिएटिविटी और इनोवेशन, कोड रिव्यू, प्रॉब्लम सॉल्विंग, प्री-स्क्रिनिंग और स्ट्रैटेजिक थिंकिंग को भर्ती में अहमियत दे रही हैं।

एक अनुमान के मुताबिक 2030 तक ये बदलाव दिखेगा। ज्यादातर नौकरियों में जो स्किल्स (आज की तारीख) डिमांड में हैं उनमें करीब 64 प्रतिशत परिवर्तन आएगा।

लिंक्डइन रिसर्च बताती है कि 25 प्रतिशत पेशेवर आवश्यक स्किल न होने के कारण भविष्य को लेकर आशंकित हैं। वहीं 60 प्रतिशत इंडस्ट्री बदलने के लिए तैयार हैं तो 39 प्रतिशत नई स्किल सीखने की योजना बना रहे हैं।

दूसरी ओर, भारत में 69 प्रतिशत रिक्रूटर स्किल-मिसमैच की रिपोर्ट करते हैं। उनका कहना है कि मौजूदा कौशल और कंपनियों की जरूरत अलग-अलग है, इनमें मेल नहीं है।

क्रिएटिविटी और इनोवेशन, प्रॉब्लम सॉल्विंग और स्ट्रैटिजिक थिंकिंग को लेकर मांग बढ़ रही है। यह मांग न केवल पारंपरिक रूप से क्रिएटिव फील्ड जैसे आर्ट्स, डिजाइन और मार्केटिंग के लिए बढ़ रही है बल्कि बिजनेस डेवलपमेंट और एजुकेशन के लिए भी बढ़ रही है।

इसी तरह, कम्युनिकेशन स्किल भी अब पीपल-सेंट्रिक रोल जैसे सेल्स और एचआर तक सीमित न रहकर आईटी, कंसल्टिंग और फाइनेंस के लिए भी जरूरी हो गई है।

आज के परिदृश्य में एआई के साथ तालमेल बिठाने की क्षमता एक मुख्य आधार है।

भारत में 95 प्रतिशत सी-सूट लीडर ट्रडिशनल एक्सपीरियंस पर एआई स्किल को प्राथमिकता देते हैं। नौकरी आवेदकों के लिए लार्ज लैंग्वेज मॉडल, एआई साक्षरता और प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग स्किल प्रमुख अंतर बन रहे हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि ये स्किल पारंपरिक रूप से आईटी से जुड़े रहे हैं, लेकिन शिक्षा और मार्केटिंग में उनकी बढ़ती महत्ता जॉब फंग्शन में एआई और टेक फ्लूएंसी की बढ़ती भूमिका को उजागर करती है।

जैसे-जैसे कंपनियां व्यवसाय विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करती हैं, मजबूत ग्राहक संबंध पहली प्राथमिकता बने रहते हैं।

‘कस्टमर इंगेजमेंट’ एक महत्वपूर्ण स्किल है, जिसमें बिक्री, व्यवसाय विकास और मार्केटिंग कार्यों में ग्राहक संतोष पर जोर दिया जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जो ‘पेशेवर’ व्यवसायों को स्थायी ग्राहक संबंध और वफादारी बनाने में मदद कर सकते हैं, उन्हें लाभ होगा।

–आईएएनएस

एसकेटी/केआर


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