प्रधानमंत्री मोदी और पीएम लक्सन भारत-न्यूजीलैंड संबंध को मजबूत बनाने पर सहमत


नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके न्यूजीलैंड समकक्ष क्रिस्टोफर लक्सन ने सोमवार को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, व्यापार का विस्तार करने, रक्षा सहयोग को गहरा करने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अपनी सहमति व्यक्त की।

हैदराबाद हाउस में वार्ता के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और लोगों के बीच आपसी संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया।

रविवार को भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर दिल्ली पहुंचे लक्सन नौ साल में न्यूजीलैंड के दौरे पर आने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के भारत के प्रति गहरे लगाव का जिक्र किया।

पीएम मोदी ने कहा, “हम सभी ने देखा कि किस तरह उन्होंने कुछ दिन पहले ऑकलैंड में होली खेलकर उत्सव मनाया। न्यूजीलैंड में भारतीय मूल के समुदाय के प्रति उनका स्नेह इस यात्रा पर उनके साथ आए बड़े प्रतिनिधिमंडल से स्पष्ट है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर प्रमुख सम्मेलन रायसीना डायलॉग के उद्घाटन सत्र में पीएम लक्सन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि उनकी चर्चा में व्यापार, सुरक्षा और निवेश सहित कई विषयों पर चर्चा हुई और कई महत्वपूर्ण समझौते हुए।

दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को संस्थागत बनाने पर सहमति जताई, जिसमें संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रम और रक्षा उद्योग में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने बढ़ते समुद्री सुरक्षा सहयोग पर भी जोर दिया।

दोनों नेताओं के बीच चर्चा का एक और केंद्र बिंदु व्यापार था। भारत-न्यूजीलैंड पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “इससे डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में आपसी व्यापार और निवेश की संभावना बढ़ेगी।”

नेताओं ने खेल कूटनीति पर भी जोर दिया और भारत और न्यूजीलैंड के बीच ऐतिहासिक खेल संबंधों को मान्यता दी। पीएम मोदी ने कहा, “हमने 2026 में अपने दोनों देशों के बीच खेल संबंधों के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाने का फैसला किया है।” उन्होंने कहा कि दोनों देश खेल विज्ञान, मनोविज्ञान और चिकित्सा में सहयोग करेंगे, साथ ही खिलाड़ियों के आदान-प्रदान और कोचिंग कार्यक्रमों की सुविधा भी प्रदान करेंगे।

–आईएएनएस

एमके/


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