बाजार के उच्चतम स्तर पर एसआईपी शुरू करके कमा सकते हैं अच्छा रिटर्न : रिपोर्ट


नई दिल्ली, 17 मार्च (आईएएनएस)। ऐसे निवेशक जो बाजार के उच्चतम स्तर के आसपास सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) शुरू करते हैं, वे उन निवेशकों की अपेक्षा अधिक रिटर्न कमाते हैं, जो बाजार में गिरावट का इंतजार करते हैं। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

यह रिपोर्ट उस धारणा को चुनौती देती है, जिसमें माना जाता है कि अगर आपको अच्छा रिटर्न कमाना है तो बाजार में निचले स्तरों पर निवेश करना होगा।

वैल्यूमेट्रिक्स की एक रिपोर्ट में पिछले 20 वर्षों में निफ्टी स्मॉलकैप 250 सूचकांक के ऐतिहासिक आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है।

इस विश्लेषण में उन मार्केट साइकिल पर ध्यान केंद्रित किया गया जहां सूचकांक में 15 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी।

इस रिपोर्ट में दो प्रकार के निवेशकों की तुलना की गई है, जिसमें से एक बाजार के उच्च स्तरों के आसपास निवेश शुरू करता है। वहीं, दूसरा निवेश शुरू करने के लिए बाजार में गिरावट का इंतजार करता है।

इस विश्लेषण की चौकाने वाली बात यह है कि जिन निवेशकों ने उच्च स्तरों पर निवेश शुरू किया, उन्होंने समय के साथ अधिक वेल्थ बनाई है। वहीं, हालांकि जिन निवेशकों ने सबसे निचले स्तर से शुरुआत की थी, उन्हें थोड़ा अधिक प्रतिशत रिटर्न मिला।

उदाहरण के लिए, एक निवेशक जिसने जनवरी 2008 में बाजार में 76 प्रतिशत की गिरावट आने से ठीक पहले 10,000 रुपये की मासिक एसआईपी शुरू की थी, उसने मार्च 2025 तक 20.7 लाख रुपये का निवेश किया और उसके पास 91.5 लाख रुपये की वेल्थ जमा हो गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां पर निवेशक को 15.6 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न (एक्सआईआरआर आधार पर) मिला।

इसके विपरीत, एक निवेशक जिसने बाजार के नीचे जाने का इंतजार किया और मार्च 2009 में निवेश करना शुरू किया। उसने मार्च 2025 तक 19.2 लाख रुपये का निवेश किया और 15.9 प्रतिशत के थोड़े अधिक वार्षिक रिटर्न (एक्सआईआरआर आधार पर) के बावजूद 78.3 लाख रुपये की वेल्थ जमा की।

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान एसआईपी के माध्यम से निवेश करने पर चर्चा चल रही है।

वैल्यूमेट्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, सही एंट्री की प्रतीक्षा करने से अवसर चूक सकते हैं, जबकि बाजार के उच्चतम स्तर पर भी एसआईपी के जरिए निवेश करने से लंबे समय में बड़ा रिटर्न कमाया जा सकता है।

–आईएएनएस

एबीएस/


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