दुनिया में जहां भी आतंकी हमला होता है, उसके सूत्र पाकिस्तान से जुड़ते हैं : पीएम मोदी


नई दिल्ली, 16 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लैक्स फ्रिडमैन से बातचीत के दौरान भारत और पाकिस्तान के रिश्तों से जुड़े सवाल का जवाब दिया। उन्होंने पाकिस्तान की विचारधारा पर सवाल उठाते हुए साफ शब्दों में कहा कि दुनिया में जहां कहीं भी आतंकी हमला होता है, उसके तार पाकिस्तान से जुड़ते हैं और पड़ोसी देश को आतंकवाद का पोषण छोड़ देना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि 1947 से पहले, आजादी की लड़ाई सब लोग कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रहे थे। देश आजादी के जश्न मनाने का इंतजार कर रहा था। उस समय जो भी नीति निर्धारक लोग थे, उन्होंने भारत के विभाजन को स्वीकार किया। भारत के लोगों ने सीने पर पत्थर रखकर बड़ी पीड़ा के साथ मुसलमानों को अपना देश देने की बात मान ली। इसका परिणाम भी तभी सामने आ गया, लाखों लोग कत्लेआम में मारे गए। पाकिस्तान से ट्रेनें भर-भरकर लाशें आने लगीं। बहुत डरावने दृश्य थे। पाकिस्तान ने इसके बाद भी सुख से जीने की बजाय संघर्ष का रास्ता चुना। अब प्रॉक्सी वॉर चल रहा है। यह कोई विचारधारा नहीं है कि मारो-काटो। टेररिस्टों को एक्सपोर्ट करने का काम चल रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में जहां भी आतंकी हमला होता है, उसके सूत्र किसी न किसी तरह पाकिस्तान से जुड़ते हैं। उदाहरण के लिए, 11 सितंबर के हमलों को ही लें। इसके पीछे मुख्य सूत्रधार ओसामा बिन लादेन, वह आखिरकार कहां से मिला? उसने पाकिस्तान में शरण ली थी। दुनिया पहचान चुकी है कि पाकिस्तान केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि दुनिया के लिए परेशानी का केंद्र बन गया है। भारत लगातार उनसे सरकार द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को छोड़ने के लिए कहता रहा है। यहां तक कि प्रधानमंत्री बनने के बाद शांति के प्रयास में वह स्वयं लाहौर चले गए थे।

उन्होंने कहा कि जब वह पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे तो पाकिस्तान को विशेष रूप से आमंत्रित किया ताकि हम एक शुभ शुरुआत कर सकें। लेकिन हर अच्छे प्रयास का परिणाम नकारात्मक निकला। उन्होंने उम्मीद की कि उन्हें सद्बुद्धि मिले और वे शांति का रास्ता चुनें। पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं क्योंकि वे भी संघर्ष और अशांति में जीने से थक चुके होंगे, वे निरंतर आतंक से थक चुके होंगे, जहां मासूम बच्चों की हत्या की जाती है और अनगिनत लोगों की जान जाती है।

–आईएएनएस

एकेएस/एकेजे


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