उत्तर प्रदेश : बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग को दोहराया


लखनऊ, 15 मार्च (आईएएनएस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम की जयंती पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती के जातिगत जनगणना को कराने की मांग को दोहराया।

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा,”प्रदेशवासियों को कांशीराम जी के जयंती पर बधाई। आज बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर पूरे बहुजन समाज के लोग बहुत धूम-धाम से जयंती मना रहे हैं। अगर कांशीराम और बहन मायावती जी नहीं पैदा हुए होते तो पार्टी नहीं बनी होती और बहुजन समाज को इंसाफ व न्याय नहीं मिल पाता। यही कारण है कि आज पूरे देश में लोग कांशीराम की जयंती मना रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “लखनऊ में कांशीराम नाम से स्मारक स्थल बना है। यहां पर कानपुर, लखनऊ और अयोध्या मंडल से बड़ी संख्या में लोग यहां पर पहुंचे हैं। सभी ने कांशीराम को अपना श्रद्धा सुमन अर्पित किया है। मेरी अपील है कि बहुजन समाज के लोगों पर जो अत्याचार हो रहा है, उससे निपटने के लिए सभी लोग एक हों। अगर बहुजन समाज के लोग 2027 में मायावती को मुख्यमंत्री बनाएंगे, तो ही समाज का उद्धार हो सकता है।”

बसपा सुप्रीमो मायावती के जातीय जनगणना को देश के लिए जरूरी बताने को लेकर विश्वनाथ पाल ने कहा, “हमारे पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और बहुजनों की नेता ने आज नहीं बल्कि पहले भी कई बार ऐसा कहा है। वो चाहती हैं कि पूरे देश में जातिगत जनगणना होनी चाहिए।”

इससे पहले बहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता व संस्थापक कांशीराम के जन्मदिन के मौके पर बसपा मुखिया मायावती ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि बसपा ने अपने शासन काल में बहुजनों के विकास के लिए अच्छे दिन लाकर दिखाए। जबकि दूसरी सरकारों के दावे हवा-हवाई हैं।

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को कांशीराम की जयंती के मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि बहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता व संस्थापक कांशीराम जी को आज उनके जन्मदिन पर बीएसपी द्वारा देश भर में शत-शत नमन, माल्यार्पण, श्रद्धा-सुमन अर्पित करने व उनके ‘सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति’ मूवमेंट को तन, मन, धन से मजबूत बनाने के संकल्प हेतु सभी का तहेदिल से आभार।

उन्होंने आगे लिखा कि बहुजन समाज को अपार गरीबी, बेरोजगारी, शोषण, अत्याचार, पिछड़ेपन, जातिवाद, सांप्रदायिक हिंसा व तनाव आदि के त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए अपने कीमती वोट की ताकत को समझकर अपना उद्धार स्वयं करने योग्य बनने हेतु सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करना जरूरी है, यही आज के दिन का उच्च संदेश है।

–आईएएनएस

एससीएच/सीबीटी


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