गाजावासियों के पुनर्वास के लिए 'प्रवासन प्रशासन' स्थापित करने की योजना बना रहा है इजरायल : मंत्री

यरूसलम, 10 मार्च (आईएएनएस)। इजरायल गाजा पट्टी के फिलिस्तीनी निवासियों को दूसरी जगह बसाने के लिए एक ‘प्रवासन प्रशासन’ बनाने की योजना पर काम कर रहा है। यह जानकारी इजरायल के वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच ने दी।
स्मोट्रिच कट्टर दक्षिणपंथी नेता हैं और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह बयान संसद में एक सम्मेलन के दौरान दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन “लैंड ऑफ इजरायल कॉकस” नामक एक संगठन ने किया था।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इस सम्मेलन में स्मोट्रिच ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘गाजा रिवेरा’ योजना का जिक्र किया। इस योजना के तहत अमेरिका गाजा का नियंत्रण अपने हाथ में लेगा, वहां के निवासियों को हटाया जाएगा, और इस क्षेत्र को मिडिल ईस्टर्न ‘रिवेरा’ के रूप में विकसित किया जाएगा। यह योजना फरवरी 2024 में सामने आई थी और इसे व्यापक विरोध का सामना करना पड़ा है। हालांकि, नेतन्याहू और कई अन्य इजरायली मंत्री इसका समर्थन कर रहे हैं।
स्मोट्रिच के अनुसार, इजरायल के रक्षा मंत्रालय में माइग्रेशन अथॉरिटी स्थापित करने की तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रतिदिन 10,000 लोगों को गाजा से बाहर ले जाया जाए, तो पूरे गाजा की 20 लाख की आबादी को हटाने में लगभग छह महीने लगेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका के साथ मिलकर उन देशों की पहचान करने का काम चल रहा है, जहां गाजा के लोगों को बसाया जा सकता है।
ट्रंप की इस योजना का अरब देशों सहित दुनिया के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है। इसके जवाब में, अरब देशों ने मंगलवार को मिस्र द्वारा प्रस्तावित 53 अरब डॉलर की गाजा पुनर्निर्माण योजना को मंजूरी दी, जिसका मकसद गाजा में लोगों को वहां से हटाए बिना फिर से बसाना है।
फरवरी 2024 में, राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा था कि अमेरिका गाजा का नियंत्रण अपने हाथ में लेगा। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका को ऐसा करने का अधिकार है।
ट्रंप ने जोर्डन के किंग अब्दुल्ला II से कहा था, “हम इसे अपने पास रखेंगे, इसे ठीक से चलाएंगे, और यहां शांति बनाए रखेंगे ताकि कोई सवाल न उठाए।”
उन्होंने यह भी इच्छा जताई कि गाजा को एक आकर्षक पर्यटन और व्यापारिक केंद्र में बदला जाए, जहां रिसॉर्ट और ऑफिस बनाए जा सकें।
–आईएएनएस
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