मेघना से गौरी तक, ये हैं फिल्म इंडस्ट्री की मजबूत लेखिकाएं, कलम से डालती हैं कहानी में जान


मुंबई, 8 मार्च (आईएएनएस)। महिलाएं ना केवल अभिनय की दुनिया में सशक्त हैं, बल्कि उसके पीछे के किरदार को भी गढ़ने में महारत हासिल की हैं। फिल्म इंडस्ट्री ने ऐसी कई लेखिकाओं को दर्शकों के सामने रखा है, जिनके पास ‘कलम की धार’ है। ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ को गढ़ने वाली अलंकृता श्रीवास्तव हों या ‘पीकू’ की कहानी को पन्नों पर उतारने वाली जूही चतुर्वेदी। ‘छपाक’ को रचने वाली मेघना गुलजार हों या ‘इंग्लिश विंग्लिश’ की गौरी शिंदे, ये लिस्ट काफी लंबी है…

अलंकृता श्रीवास्तव :- ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’, ‘मेड इन हेवन’, ‘डॉली किट्टी’ और ‘वो चमकते सितारे’, ‘बॉम्बे बेगम्स’, ‘मॉडर्न लव: मुंबई’ जैसी फिल्मों की कहानी को लिखने वाली अलंकृता श्रीवास्तव एक पटकथा लेखिका, निर्देशक और निर्माता हैं। उन्होंने साल 2011 में ‘टर्निंग 30’ में बतौर निर्देशक अपनी शुरुआत करने के बाद से उन्होंने कई पुरस्कार जीते। श्रीवास्तव ने प्रकाश झा के साथ एक सहयोगी निर्देशक के रूप में काम साल 2005 में आई फिल्म ‘अपहरण’ के लिए किया।

इसके बाद उन्‍होंने ‘राजनीति’ समेत कई प्रोजेक्ट में काम कीं। इसके बाद वह ब्लैक कॉमेडी ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ के लिए प्रशंसा मिली, जिसे उन्होंने निर्देशित करने के साथ ही लिखा भी था।

जूही चतुर्वेदी:- अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण और इरफान खान स्टारर ‘पीकू’ तो आपको याद ही होगी। इस फिल्म की कहानी को भी पन्नों पर जूही चतुर्वेदी ने ही उतारा। ‘गुलाबो सिताबो’, ‘विक्की डोनर’ और ‘अक्टूबर’ जैसी फिल्मों की कहानी लिख चुकी हैं।

मेघना गुलजार:- अभिनेत्री आलिया भट्ट स्टारर ‘राजी’ और दीपिका पादुकोण की ‘छपाक’ के साथ ही ‘सैम बहादुर’ की कहानी लिखने वाली मेघना गुलजार में लेखनी के गुण उनके पिता के समान ही है। गीतकार गुलजार साहब की बेटी मेघना गुलजार ने कई सफल फिल्मों का निर्देशन भी किया।

गौरी शिंदे:- हिंदी सिनेमा में एक मां की खूबसूरत कहानी को पर्दे पर उतारती ‘इंग्लिश विंग्लिश’ फिल्म की कहानी को लिखने के साथ ही निर्देशन भी गौरी शिंदे ने किया है। इसके साथ ही वह आलिया भट्ट और शाहरुख खान की फिल्म ‘डियर जिंदगी’ की कहानी भी लिखी हैं।

–आईएएनएस

एमटी/सीबीटी


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