रिलायंस रिटेल आईपीओ से पहले लागत कम करने पर कर रही फोकस, नौकरियों में भी की कटौती: रिपोर्ट

मुंबई/ नई दिल्ली, 6 मार्च (आईएएनएस)। रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) शेयर बाजार में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) लाने से पहले कथित तौर पर नौकरियों में कटौती के साथ-साथ लागत में कमी करने के अन्य उपाय भी कर रही है। इसकी वजह कंपनी की बिक्री में धीमेपन को माना जा रहा है।
रिलायंस रिटेल के तेज विस्तार के कारण इसका वैल्यूएशन घटकर 50 अरब डॉलर रह गया है। दो वर्ष पहले कंपनी ने इससे दोगुने वैल्यूएशन पर फंड जुटाया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी आईपीओ से पहले अपने वैल्यूएशन बढ़ाने के लिए विस्तार को सीमित कर रही है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के हवाले से एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट में बताया गया, “मूल्यांकन में कटौती ऐसे समय पर हुई है जब समूह खुदरा इकाई को सूचीबद्ध करने की योजना बना रही है। यह शुरुआती निवेशकों के लिए अच्छा संकेत नहीं है, खासकर जब निवेशकों को बायबैक की बातचीत से बहुत कम परिणाम मिले हैं।”
रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी अपने फिजिकल स्टोर्स की संख्या को सीमित कर रही है। साथ ही कंपनी मार्केटिंग बजट को कम कर रही है और रिलायंस ब्रांड लिमिटेड को मर्ज कर रही है।
वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में रिलायंस रिटेल के स्टोर्स की संख्या बढ़कर 19,102 हो गई है। कंपनी के स्टोर्स में फुटफॉल 30 करोड़ रहा है। इसमें सालाना आधार पर 5 प्रतिशत की बढ़त हुई।
वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में रिलायंस रिटेल वेंचर्स का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 3,458 करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले साल समान तिमाही में 3,145 करोड़ रुपये था।
इससे पहले वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में कंपनी को 2,836 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि ग्राहक-केंद्रित इनोवेशन को अपने मूल में रखते हुए, कंपनी अपनी व्यापक पहुंच और लगातार बढ़ रहे उत्पाद बास्केट के माध्यम से अपने ग्राहकों के खरीदारी के अनुभव को बढ़ाने का निरंतर प्रयास कर रही है।
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को ‘बाय’ की रेटिंग दी है। इसके साथ ही शेयर प्राइस टारगेट 1,660 रुपये दिया है। बीते एक वर्ष में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 25 प्रतिशत से अधिक गिर गया है।
–आईएएनएस
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