बिहार में औरंगजेब पर गरमाई सियासत, जदयू ने कहा – सभी धर्म का सम्मान, औरंगजेब का नहीं

पटना, 6 मार्च (आईएएनएस)। औरंगजेब को लेकर बिहार की सियासत भी गर्म हो गई है। जदयू के विधायक ने तो यहां तक कह दिया कि अगर आज वे यहां होते तो सरकार उन्हें फांसी की सजा देती।
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए जदयू के विधायक डॉ. संजीव ने कहा कि औरंगजेब की जो भी तारीफ कर रहे हैं, वे देशद्रोही हैं, चाहे वे किसी भी पार्टी के हों। गर्व से कहते हैं कि हम सनातनी हैं। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं, लेकिन औरंगजेब का सम्मान नहीं कर सकता। उसने सारे मंदिरों को तुड़वा दिए। कितनों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया। सिखों के धर्मगुरु के बेटों का कत्ल करवाया। इसके विषय में कोई तारीफ करे तो दुखद है। कोई भी तारीफ करे, उन्हें पाकिस्तान या बांग्लादेश भेज देना चाहिए।
राजद के विधायक अख्तरुल ईमान शाहीन ने औरंगजेब को लेकर कहा कि कई इतिहासकारों ने उन्हें ईमानदार भी कहा है तो कई ने औरंगजेब को क्रूर बताया है। हम लोग इतिहास के तो विद्यार्थी नहीं हैं कि बता सकें। हम लोग न उनकी प्रशंसा करते हैं, न निंदा करते हैं, हम लोग तो वर्तमान देख रहे हैं। भाजपा के लोग तो विवादास्पद मुद्दे लाते ही हैं, मूल समस्या पर बात नहीं की जाती।
राजद के विधायक वीरेंद्र ने कहा कि औरंगजेब मामले पर भाजपा को दूसरा कोई काम नहीं है। जब देश की आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी तब हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई ने कुर्बानी दी थी। इन्हें धर्म के एक वर्ग के लोगों के खिलाफ बोलने की आदत रही है। ये भारतीय हो ही नहीं सकते। ये सनातन-सनातन करते हैं, असली सनातनी तो हम हैं।
उल्लेखनीय है कि औरंगजेब की तारीफ करने पर समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और विधायक अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया है। जदयू एमएलसी खालिद अनवर ने बुधवार को अबू आजमी के निलंबन को गलत बताया था।
अबू आजमी के औरंगजेब को महान शासक बताने पर खालिद अनवर ने कहा था कि यह ऐसा विचार-विमर्श नहीं है, जिसके लिए फ्लोर पर राजनीति की जाए। मुझे हैरत होती है कि औरंगजेब को कुछ इतिहासकारों ने बहुत अच्छा शासक बताया है। कुछ लोग उसे क्रूर शासक बताते हैं। ये सब बातें ऐसी नहीं हैं, जिनकी फ्लोर पर चर्चा की जाए।
उन्होंने आगे कहा था कि मेरी नजर में औरंगजेब अच्छा राजा था, जिसने अपने तरीके से राज किया। औरंगजेब को अच्छा राजा कहने पर किसी को सस्पेंड कर देंगे। यह लोकतंत्र के लिए सही चीज नहीं है।
–आईएएनएस
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