डे-केयर कैंसर सेंटर हर व्यक्ति तक पहुंचाएंगे बेहतर इलाज : पीएम मोदी


नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि डे-केयर कैंसर केंद्रों की स्थापना और डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने से यह सुनिश्चित हो सकता है कि गुणवत्तापूर्ण देखभाल अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बजट-पश्चात वेबिनार में बोलते हुए पीएम मोदी ने केंद्रीय बजट में घोषित स्वास्थ्य पहलों को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इनका लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।

पीएम मोदी ने कहा कि डे-केयर कैंसर केंद्रों की स्थापना और डिजिटल स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे के विकास से यह सुनिश्चित होगा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा अंतिम छोर तक पहुंचे।

केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर होंगे। 2025-26 में लगभग 200 डे-केयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

इसके अलावा, पीएम मोदी ने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में टेलीमेडिसिन सुविधा का विस्तार किया जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में 31 हजार से अधिक पीएचसी चालू हैं, जिनमें ग्रामीण और पहाड़ी, आदिवासी और रेगिस्तानी इलाकों में लोगों को प्राथमिक देखभाल प्रदान करने के लिए 40 हजार से अधिक डॉक्टर/चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि इस बजट में 10 हजार नई मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी और अगले पांच वर्षों में मेडिकल क्षेत्र में 75 हजार सीटें जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि इन पहलों का लोगों के जीवन पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा। इससे युवाओं के लिए रोजगार के कई नए अवसर भी पैदा होंगे। पीएम मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि केंद्रीय बजट में प्रस्तावित ‘हील इन इंडिया’ जैसी पहलों से देश में मेडिकल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक पर्यटन और स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र के हितधारकों से स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देने में निवेश करने का आग्रह किया।

पीएम मोदी ने योग और स्वास्थ्य पर्यटन की क्षमता का पूर्ण उपयोग करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 10 प्रतिशत तक योगदान करने और करोड़ों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता है।

–आईएएनएस

पीएसके/एफजेड


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