अमेरिका जा रहा दोस्तों से दूर, व्यापार युद्ध से अर्थव्यवस्था को खतरा : ट्रंप के भाषण पर डेमोक्रेट्स

न्यूयॉर्क, 5 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस में राष्ट्रपति के अभिभाषण का पारंपरिक खंडन करते हुए डेमोक्रेट्स ने चेतावनी दी कि सहयोगियों के साथ अमेरिका की दोस्ती कमजोर हो रही है, जबकि व्यापार युद्ध से अर्थव्यवस्था को खतरा पैदा हो रहा है।
सीनेटर एलिसा स्लोटकिन ने कहा, “आज की दुनिया आपस में गहराई से जुड़ी है। प्रवासन, साइबर खतरे, एआई, पर्यावरण विनाश, आतंकवाद – एक राष्ट्र इन मुद्दों का अकेले सामना नहीं कर सकता। हमें हर कोने में दोस्तों की जरुरत है – हमारी सुरक्षा इसी पर निर्भर करती है।”
स्लोटकिन ने एक अन्य रिपब्लिकन राष्ट्रपति का हवाला देते हुए कहा, “[रोनाल्ड] रीगन समझते थे कि सच्ची ताकत के लिए अमेरिका को अपनी सैन्य और आर्थिक ताकत को नैतिक स्पष्टता के साथ जोड़ना होगा। लेकिन पिछले हफ्ते यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ ओवल ऑफिस में ट्रंप ने जिस तरह का व्यवहार किया, उसके बाद रीगन अपनी कब्र में करवटें बदल रहे होंगे।”
डेमोक्रेट सीनेटर ने कहा, “एक शीत युद्ध के बच्चे के रूप में, मैं शुक्रगुजार हूं कि 1980 के दशक में ट्रंप नहीं बल्कि रीगन सत्ता में थे।” उन्होंने ट्रंप पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ‘मिल-जुलकर रहने’ का आरोप लगाया, जबकि ‘कनाडा जैसे हमारे दोस्तों को मुंह की खानी पड़ी।’
राष्ट्रपति द्वारा कांग्रेस के संयुक्त सत्र में अपना संबोधन देने के बाद, दूसरे पक्ष का एक प्रतिनिधि इसका खंडन करता है। हालांकि यह अनौपचारिक रूप से प्रतिनिधि सभा कक्ष के बाहर दिया जाता है और राष्ट्रीय टीवी पर प्रसारित किया जाता है।
सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी की पूर्व अधिकारी, स्लॉटकिन को पिछले नवंबर में मिशिगन से सीनेटर चुना गया था। वह डेमोक्रेटिक पार्टी में मध्यमार्गियों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
स्लॉटकिन ने चेतावनी दी कि ट्रंप की आर्थिक नीतियां मंदी की ओर ले जा सकती हैं और नागरिकों को बहुत नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन्होंने कहा, “अगर वह सावधान नहीं रहे, तो वह हमें सीधे मंदी में ले जा सकते हैं।”
डेमोक्रेट सांसद ने कहा कि उनका व्यापार युद्ध मैन्युफैक्चरर और किसानों को नुकसान पहुंचाएगा और सभी के लिए उच्च कीमतों की चुनौती को जन्म देगा। उन्होंने कहा कि ट्रंप के प्रस्तावित कर कटौती से केवल उनके अरबपति मित्रों को फायदा होगा और लोगों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
–आईएएनएस
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