एनएमडीसी का लौह अयस्क उत्पादन अप्रैल-फरवरी में बढ़कर 40.49 मिलियन टन हुआ

नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। सरकारी स्वामित्व वाली खनन कंपनी एनएमडीसी ने इस साल फरवरी में लौह अयस्क उत्पादन में 17.85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो पिछले साल के इसी महीने में दर्ज 3.92 मीट्रिक टन से बढ़कर 4.62 मिलियन टन (एमटी) हो गया है।
फाइलिंग में कहा गया है कि अप्रैल-फरवरी की अवधि में संचयी लौह अयस्क उत्पादन एक साल पहले की अवधि के 40.24 मीट्रिक टन से बढ़कर 40.49 मीट्रिक टन हो गया।
हालांकि, फरवरी 2024 में 3.99 मीट्रिक टन की तुलना में इस महीने के दौरान कंपनी की लौह अयस्क बिक्री थोड़ी कम होकर 3.98 मीट्रिक टन रह गई।
फरवरी में लौह अयस्क की बिक्री 3.98 मीट्रिक टन रही, जो पिछले फरवरी वित्त वर्ष में 3.99 मीट्रिक टन थी।
हैदराबाद मुख्यालय वाली एनएमडीसी देश की सबसे बड़ी लौह अयस्क खनन कंपनी है। अकेले पीएसयू देश की प्रमुख इस्पात निर्माण कच्चे माल की मांग का लगभग 20 प्रतिशत पूरा करता है।
फरवरी 2025 तक कंपनी का संचयी उत्पादन 40.49 मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 0.62 प्रतिशत की मामूली वृद्धि को दर्शाता है, जबकि इसी अवधि के लिए बिक्री 40.20 मीट्रिक टन रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.69 प्रतिशत की मामूली गिरावट को दर्शाता है।
एनएमडीसी भारत का सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक है, जो वर्तमान में तीन पूरी तरह से मशीनीकृत खदानों से लगभग 35 मिलियन टन लौह अयस्क का उत्पादन करता है, जिनमें से दो छत्तीसगढ़ और एक कर्नाटक में स्थित हैं। भारत सरकार की कंपनी में 60.79 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (अतिरिक्त प्रभार) अमिताव मुखर्जी ने कहा, “उत्पादन आउटपुट में 18 प्रतिशत की वृद्धि एक मजबूत परिचालन गति को दर्शाती है। इस तरह की लगातार वृद्धि एक कुशल खनन इकोसिस्टम का परिणाम है।”
उन्होंने कहा, “हमने अगले वित्त वर्ष में विस्तार की योजना बनाई है और नए अवसरों की तलाश कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि हमारे प्रयास भारत में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में जारी रहेंगे।”
उन्होंने कहा कि एनएमडीसी 2030 तक 100 मिलियन टन लौह अयस्क खनन क्षमता बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बयान में कहा गया है, “कंपनी ने लक्ष्य हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर पूंजीगत व्यय की योजना की घोषणा की है।”
एनएमडीसी ने चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अपने कंसोलिडेटेड शुद्ध लाभ में 29.04 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो 2023-24 की इसी तिमाही में 1,470.09 करोड़ रुपये की तुलना में 1,896.99 करोड़ रुपये हो गई। 2024-25 की तीसरी तिमाही में परिचालन से राजस्व 21.4 प्रतिशत बढ़कर 6,567.83 करोड़ रुपये हो गया।
–आईएएनएस
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