भारत को 2047 तक हाई-इनकम स्टेटस तक पहुंचने के लिए 7.8 प्रतिशत की दर से वृद्धि की जरूरत : विश्व बैंक


नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। विश्व बैंक की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा गया है कि भारत को 2047 तक हाई-इनकम स्टेटस तक पहुंचने के लिए अगले 22 वर्षों में औसतन 7.8 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की जरूरत है। यह एक ऐसा लक्ष्य है, जिसे प्राप्त किया जा सकता है।

‘बिकमिंग अ हाई-इनकम इकोनॉमी इन ए जनरेशन’ टाइटल वाले नए ‘इंडिया कंट्री इकोनॉमिक मेमोरंडम’ में पाया गया है कि यह लक्ष्य संभव है।

2000 और 2024 के बीच भारत की औसत 6.3 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर को मान्यता देते हुए, विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की पिछली उपलब्धियां इसकी भविष्य की महत्वाकांक्षाओं के लिए आधार प्रदान करती हैं। हालांकि, वहां पहुंचने के लिए सुधारों और उनके कार्यान्वयन को लक्ष्य जितना ही महत्वाकांक्षी होना होगा।

विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा, “चिली, कोरिया और पोलैंड जैसे देशों से मिले सबक बताते हैं कि कैसे उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपने इंटीग्रेशन को गहरा कर मिडल-टू-हाई इनकम वाले देशों के रूप में सफलतापूर्वक ट्रांजिशन किया है।”

कौमे ने कहा, “भारत सुधारों की गति को बढ़ाकर और अपनी पिछली उपलब्धियों के आधार पर अपना रास्ता खुद बना सकता है।”

रिपोर्ट में अगले 22 वर्षों में भारत के विकास पथ के लिए तीन परिदृश्यों का मूल्यांकन किया गया है।

वे परिदृश्य जो भारत को एक जनरेशन में हाई इनकम स्टेटस तक पहुंचने में सक्षम बनाते हैं, उसके लिए भारत को राज्यों में तेज और इन्क्लूसिव ग्रोथ हासिल करने की जरूरत है।

ये तीन परिदृश्य हैं- 2035 तक सकल घरेलू उत्पाद के वर्तमान 33.5 प्रतिशत से 40 प्रतिशत (दोनों वास्तविक रूप में) तक कुल निवेश बढ़ाना, कुल श्रम शक्ति भागीदारी को 56.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत से ऊपर करना और समग्र उत्पादकता वृद्धि में तेजी लाना।

रिपोर्ट के सह-लेखक एमिलिया स्क्रोक और रंगीत घोष ने कहा, “भारत मानव पूंजी में निवेश कर, अधिक और बेहतर नौकरियों के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण कर और 2047 तक महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर को 35.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर अपने डेमोग्राफिक डिविडेंट का लाभ उठा सकता है।”

पिछले तीन वित्त वर्षों में भारत ने अपनी औसत वृद्धि दर को 7.2 प्रतिशत तक बढ़ाया है।

इस गति को बनाए रखने और अगले दो दशकों में 7.8 प्रतिशत (वास्तविक रूप में) की औसत वृद्धि दर प्राप्त करने के लिए, कंट्री इकोनॉमिक मेमोरंडम पॉलिसी एक्शन के लिए चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों की सिफारिश करता है। ये चार क्षेत्र हैं – अधिक और बेहतर नौकरियां पैदा करने के लिए माहौल को बढ़ावा देते हुए निवेश बढ़ाना, संरचनात्मक परिवर्तन को बढ़ावा देना, व्यापार भागीदारी और टेक्नोलॉजी को अपनाना, राज्यों को तेजी से और एक साथ बढ़ने में सक्षम बनाना।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम


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