नोएडा : 84 लाख से अधिक की साइबर धोखाधड़ी के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार


नोएडा, 25 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में साइबर थाना नोएडा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने मिलकर एक पीड़ित से 84,16,979 रुपये की धोखाधड़ी की थी। गिरफ्तार आरोपियों में राम सिंह, नरेंद्र सिंह चौहान और अक्षय कुमार शामिल हैं। इन आरोपियों को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस के मुताबिक, सेक्टर-45 निवासी पीड़िता ने साइबर थाना में 26 अप्रैल 2024 को धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया था। इस मामले में आरोपियों ने पीड़िता को बताया था कि उसके नाम पर फेडेक्स कूरियर कंपनी का पार्सल आया है जिसमें पांच पासपोर्ट, तीन क्रेडिट कार्ड, एक लैपटॉप, चार किलो कपड़े, 200 ग्राम एनडीएमए और 35 हजार रुपये नकद हैं।

आरोपियों ने पीड़िता को डराकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस होने का आरोप लगाते हुए 84,16,979 रुपये की ठगी की थी।

साइबर थाना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी में इस्तेमाल संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज करवाया था। जांच के दौरान, आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश का आरोप जोड़ते हुए बीएनएस की धारा 468 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस ने बताया कि आरोपी राम सिंह, निवासी पिपलीवाला टाउन, चंडीगढ़ (खाताधारक), नरेंद्र सिंह चौहान, निवासी रामगढ़ दाऊं, मोहाली, पंजाब (आयु 29 वर्ष) और अक्षय कुमार, निवासी कजहेड़ी, सेक्टर 52, चंडीगढ़ (आयु 28 वर्ष) बैंक कर्मी हैं।

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने प्राइवेट बैंकों के कर्मचारियों के साथ साठगांठ कर धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को आपस में बांट लिया था। राम सिंह और उसके सहयोगियों ने इंडसइंड बैंक में खाता खोलकर धोखाधड़ी की राशि प्राप्त की और उसे आपस में वितरित किया। इस खाते में 25 जून 2024 को करीब 69 लाख 78 हजार रुपये जमा किए गए थे।

पुलिस के मुताबिक, धोखाधड़ी के इस मामले में पीड़िता के 21 लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं, जिनमें से 16 लाख रुपये उसे लौटा दिए गए हैं। शेष राशि की वापसी की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, आरोपियों से बरामद बैंक खातों के बारे में एनसीआरपी पोर्टल पर 41 शिकायतें पाई गई हैं। इन मामलों में विभिन्न राज्यों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं।

मौजूदा मामले में एक अन्य आरोपी उमेश महाजन की गिरफ्तारी भी 30 जुलाई 2024 को नई दिल्ली से की जा चुकी है।

–आईएएनएस

पीकेटी/एकेजे


Show More
Back to top button