नासा से निर्वाण तक : प्रद्युम्न भगत की बीएपीएस संन्यासी जीवन की असाधारण यात्रा – अब स्वामी केशवसंकल्पदास


अबू धाबी, 24 फरवरी (आईएएनएस)। इस संसार में, जहां सफलता को अक्सर शैक्षणिक उत्कृष्टता, कैरियर की ऊंचाइयों और भौतिक उपलब्धियों से मापा जाता है, प्रद्युम्न भगत की यात्रा एक उच्च उद्देश्य का प्रमाण है- एक ऐसा उद्देश्य जो आध्यात्मिकता, भक्ति और बीएपीएस (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था) के माध्यम से निःस्वार्थ सेवा में निहित है, जो एक विश्वस्तरीय हिंदू संगठन है।

प्रद्युम्न भगत का जन्म ऑकलैंड, न्यूजीलैंड में हुआ था और उन्होंने इलेक्ट्रिकल एवं रोबोटिक्स इंजीनियरिंग में अटलांटा में उत्कृष्टता प्राप्त की। वह गोल्ड स्कॉलर, मात्र 15 वर्ष की आयु में टीई़डीएक्स वक्ता और दो पेटेंट प्राप्त करने वाले एक नवप्रवर्तक थे। उन्होंने बोइंग के लिए अत्याधुनिक रोबोटिक्स पर कार्य किया और बोइंग और नासा जेपीएल से प्रतिष्ठित नौकरी के प्रस्ताव प्राप्त किए।

फिर भी, इन अभूतपूर्व उपलब्धियों के बावजूद, प्रद्युम्न भगत ने एयरोस्पेस और प्रौद्योगिकी में एक उज्ज्वल भविष्य को छोड़कर एक और भी महान उद्देश्य को अपनाने का निर्णय लिया—बीएपीएस के संन्यासी जीवन में प्रवेश किया। उन्होंने सांसारिक बंधनों को त्यागकर स्वामिनारायण संप्रदाय में दीक्षा ग्रहण की और अब स्वामी केशवसंकल्पदास के रूप में जीवन व्यतीत करेंगे, जो लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

उनका निर्णय हमें यह शक्ति प्रदान करता है कि सच्ची संतुष्टि सांसारिक सफलता से परे है। इस दुनिया में, जहाँ आमतौर पर उपलब्धियों को धन और प्रतिष्ठा से जोड़ा जाता है, उन्होंने अपना जीवन बीएपीएस के आध्यात्मिकता, सेवा और नैतिक उत्थान के वैश्विक मिशन को समर्पित कर दिया। यह निर्णय निःस्वार्थता, भक्ति और विश्वास के उच्चतम मूल्यों का प्रतीक है।

अब, स्वामी केशवसंकल्पदास इस दिव्य यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं, उनकी कहानी दुनिया भर में पीढ़ियों को आध्यात्मिकता, नम्रता और बीएपीएस के माध्यम से मानवता की निःस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित करेगी।

हाल ही में अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर ने अपनी पहली वर्षगांठ पर एक समारोह आयोजित किया। इस समारोह में यूएई के सहिष्णुता मंत्री शेख नहयान मबारक अल नहयान और राष्ट्रपति न्यायालय के विशेष मामलों के सलाहकार शेख मोहम्मद बिन हमद बिन तहनून अल नहयान भी मौजूद थे। इसके अलावा, 450 से अधिक प्रतिष्ठित हस्तियां, राजदूत, सरकारी अधिकारी, धार्मिक नेता, 300 सामुदायिक प्रतिनिधि और हजारों भक्तों की उपस्थिति में मंदिर ने एक ही दिन में 13,000 से अधिक आगंतुकों का स्वागत किया।

–आईएएनएस

पीएसएम/एएस


Show More
Back to top button