चीनी खतरे की चुनौती : जापान और फिलीपींस का बड़ा फैसला


मनीला, 24 फरवरी (आईएएनएस)। जापान और फिलीपींस ने सोमवार को दोनों देशों के रक्षा बलों के बीच एक रणनीतिक वार्ता स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की तरफ से बढ़ते सुरक्षा खतरों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया।

जापानी रक्षा मंत्री जनरल नाकातानी और उनके फिलीपींस समकक्ष गिल्बर्टो टेओडोरो ने सोमवार को मुलाकात की। उन्होंने रक्षा उपकरण, प्रौद्योगिकी सहयोग को और बढ़ावा देने के लिए एक उच्च स्तरीय ढांचा स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की।

नाकातानी ने कहा, “बढ़ते सुरक्षा माहौल के साथ, हम रक्षा सहयोग को और अधिक उच्च स्तर पर ले जाने की जरुरत पर सहमत हुए।”

दोनों देशों ने क्षेत्रीय जल में बढ़ती चीनी सैन्य गतिविधियों और बीजिंग के क्षेत्रीय दावों को देखते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया सहित अपने सहयोगियों के साथ संबंधों को गहरा करने पर भी सहमति जताई।

हाल के वर्षों में सेनकाकू द्वीप सहित क्षेत्रीय विवादों को लेकर जापान और चीन के बीच संबंध खराब हुए हैं। दूसरी ओर, दक्षिण चीन में चीनी सैन्य गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसके चलते चीन-फिलीपींस संबंधों में तनाव बढ़ गया है।

चीन के साथ फिलीपींस का सबसे विवादास्पद विवाद मुख्य रूप से दक्षिण चीन सागर में स्कारबोरो शोल और स्प्रैटली द्वीपों पर केंद्रित है।

पिछले सप्ताह, फिलीपींस तटरक्षक बल ने चीनी नौसेना के एक हेलीकॉप्टर की ‘खतरनाक’; उड़ान की निंदा की थी। हेलीकॉप्टर विवादित स्कारबोरो शोल के ऊपर पत्रकारों के एक समूह को ले जा रहे निगरानी विमान के तीन मीटर (10 फीट) के भीतर से गुजरा था।

दिसंबर में टोक्यो में आयोजित जापान-अमेरिका-फिलीपींस समुद्री वार्ता के दौरान नेताओं ने प्रशांत महासागर से जुड़े प्राकृतिक साझेदारों और समुद्री राष्ट्रों के रूप में तीनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी। उन्होंने दक्षिण चीन सागर में हाल के घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और ताकत से यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास के प्रति अपने विरोध की बात कही।

–आईएएनएस

एमके/


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