महाकुंभ है गौरवपूर्ण पल, हिंदू एक था, एक है और एक रहेगा : सुरेंद्र कुमार जैन


नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के महामंत्री सुरेंद्र कुमार जैन ने सोमवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ को हिंदुओं की एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि केरल से लेकर असम तक कोई ऐसा राज्य नहीं बचा है, जहां के लोगों ने महाकुंभ में स्नान न किया हो।

विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री सुरेंद्र कुमार जैन ने कहा, “महाकुंभ में अब तक 62 करोड़ से अधिक हिंदू स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ केवल स्नान के लिए नहीं है, बल्कि आज वह हिंदू एकता, आस्था और गौरव का प्रतीक बन गया है। हिंदू गौरव के जो महत्वपूर्ण पल हैं, उनमें एक स्वर्णिम पृष्ठ आज का यह महाकुंभ बन गया है। यह तय हो गया है कि हिंदू एक था, एक है और एक रहेगा। शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि जब केरल से लेकर असम तक के लोग वहां पर मौजूद हैं। वहां पर कोई भेदभाव नहीं है।”

उन्होंने कहा, “आज के समय में हिंदुत्व जीवन का केंद्र बन गया है। अब देश में हिंदू विरोधी राजनीति नहीं चल पाएगी। इसलिए मैं सभी विभाजनकारी राजनीतिक शक्तियों को चेतावनी देता हूं कि उन्हें तुष्टिकरण की राजनीति बंद कर देनी चाहिए। महाकुंभ के समाप्त होने में दो दिन का समय बाकी है, इसलिए अपने पापों के लिए उन्हें (विपक्ष) हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए।”

विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री सुरेंद्र कुमार जैन ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव तो बेतुकी बात कर रहे हैं, उन्हें खुद कुछ नहीं पता कि आज क्या बोल रहे हैं और कल क्या बोलेंगे। पहले उन्होंने महाकुंभ का विरोध किया और फिर अगले दिन खुद ही चले गए। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्हें कौन से पाप याद आ गए थे। उनका इतिहास पूरे देश को मालूम है। किस तरह से उन्होंने रामसेवकों का खून बहाया था। संभल के अंदर हिंदुओं के हत्यारों के विरोध में हुई एफआईआर को उन्होंने ही रद्द करवाया था, ये बात हिंदू भूला नहीं है।”

उन्होंने कहा, “इतना ही नहीं, उन्होंने मुजफ्फनगर दंगों में शामिल लोगों को माफ करने की योजना बनाई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट से उन्हें फटकार लगी थी। मैं उनसे (अखिलेश) से यही कहूंगा कि उत्तर प्रदेश की जनता उनके विरोध में संगठित हो, उन्हें देश में बदली हुई धारा को समझना चाहिए। हिंदू विभाजित नहीं हो सकता है, क्योंकि हिंदू केंद्र बिंदु बन गया है। अब उन्हें भी इसी धारा में शामिल होना पड़ेगा।”

सुरेंद्र कुमार जैन ने महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान की मांग पर कहा, “अभी रमजान की बात बोलकर काम के लिए घंटे कम करवा रहे हैं, फिर जुमे की छुट्टी की मांग करेंगे। इसके बाद बुर्के की जरूरत की बात कहेंगे। यही नहीं, फिर जगह-जगह नमाज पढ़ने के लिए जगह मांगेंगे। भारत एक सेक्युलर देश है और सभी को अपना धर्म मानने की आजादी है। अगर वह काम से छुट्टी लेना चाहेंगे तो ये गलत है। मैं भी पूजा के लिए आधिकारिक तौर पर छुट्टी लेना चाहूंगा, ऐसा कहीं भी नहीं होता। ये पूरी तरह से सांप्रदायिक मांग है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।”

–आईएएनएस

एफएम/सीबीटी


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