थीमैटिक म्यूचुअल फंड्स स्कीम के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए योजना बना रही सेबी: माधबी पुरी बुच


मुंबई, 21 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने शुक्रवार को कहा कि थीमैटिक म्यूचुअल फंड्स स्कीम पर सीमा लगाने का कोई कारण नहीं है, बल्कि इस तरह के प्रसार के मूल कारण पर अंकुश लगाने के लिए कुछ किया जाना चाहिए।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के इवेंट में बोलते हुए उन्होंने कहा कि थीमैटिक म्यूचुअल फंड्स स्कीम के प्रसार का मूल कारण सामान्य योजनाओं और नए फंड प्रस्तावों के बीच आर्बिट्रेज है।

बुच ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के प्रसार को रोकने के लिए सेबी के पास बोर्ड द्वारा एप्रूव किया गया कंसल्टेशन प्लान है। हालांकि, अभी इस कार्य में प्रगति होना बाकी है।

बोर्ड के पास प्रसार के मूल कारण को रोकने की योजना है, लेकिन यह प्रस्तावित योजना अभी तक म्यूचुअल फंड समिति के समक्ष नहीं लाई गई है।

इस कदम के जरिए सेबी की कोशिश म्यूचुअल फंड निवेशकों को अधिक सुरक्षित माहौल देना है, जिससे कम जोखिम में निवेशक अधिक रिटर्न कमा सके।

एम्फी ने इस इवेंट में देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए तीन महत्वपूर्ण पहल लॉन्च की हैं, जिसमें छोटी एसआईपी (म्यूचुअल फंड्स का सैशे अवतार), तरुण योजना और एमआईटीआरके (म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट ट्रेसिंग एंड रिट्रीवल असिस्टेंट) शामिल हैं।

छोटी एसआईपी 250 रुपये का सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) है। इसका उद्देश्य म्यूचुअल फंड निवेश को और अधिक लोगों तक पहुंचाना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें।

‘तरुण योजना’ का उद्देश्य वित्तीय साक्षरता को स्कूल के शैक्षणिक कार्यक्रमों से जोड़ना है और युवाओं को निवेश के बारे में जानकारी देना है।

एमआईटीआरके प्लेटफॉर्म का उद्देश्य खोए हुए म्यूचुअल फंड निवेश को ट्रैक करना है।

सेबी और एम्फी की इन पहलों का उद्देश्य म्यूचुअल फंड निवेश को अधिक लोकतांत्रिक बनाना है, जिससे ज्यादा लोग इसमें निवेश कर फायदा उठा सकें।

–आईएएनएस

एबीएस/


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