रुबियो से मुलाकात के बाद बोले इजरायली पीएम 'गाजा पर मेरी और ट्रंप की रणनीति एक समान'


यरूशलम, 17 फरवरी (आईएएनएस)। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत में दावा किया कि इजरायल और अमेरिका गाजा पट्टी से जुड़ी समस्याओं पर “पूरा सहयोग” दे रहा है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने और रुबियो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के “गाजा के भविष्य के लिए साहसिक दृष्टिकोण” पर एक “बहुत महत्वपूर्ण” चर्चा की। इस दृष्टिकोण में गाजा की फिलिस्तीनी आबादी को आसपास के देशों में भेजने और गाजा क्षेत्र को मध्य पूर्व के “रिवेरा” जैसा बनाने का सुझाव दिया गया है।

गाजा में इजरायल की नीतियों का “स्पष्ट” समर्थन करने के लिए अमेरिका का धन्यवाद करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि उनकी और ट्रंप की “एक समान रणनीति” है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि “हम हमेशा इस रणनीति का विवरण सार्वजनिक नहीं कर सकते, जिसमें यह भी शामिल है कि हम कब कड़े कदम उठाएंगे, क्योंकि हम तब तक ऐसा करेंगे जब तक हमारे सभी बंधक रिहा नहीं हो जाते।”

नेतन्याहू ने ईरान के मामले में अमेरिका-इजरायल समन्वय पर भी जोर दिया। कहा कि दोनों देश तेहरान के परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय सैन्य गतिविधियों का सामना करने के लिए “कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि ईरान के पास “परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए” और “क्षेत्र में ईरान की आक्रामकता को रोकना होगा।”

रुबियो ने अपनी टिप्पणी में कहा कि गाजा में अभी भी बंधक बनाए गए लोगों को “घर लौटने की जरूरत है, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “यह होना ही चाहिए, इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।”

रुबियो के मुताबिक, ट्रंप “बहुत स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि हमास एक सरकार या सैन्य बल के रूप में नहीं रह सकता है।” उन्होंने कहा कि जब तक यह समूह सत्ता में रहेगा, “शांति संभव नहीं हो पाएगी।”

उन्होंने कहा, “इसे समाप्त किया जाना चाहिए, इसे खत्म किया जाना चाहिए।”

रुबियो ने गाजा के भविष्य के लिए ट्रंप के दृष्टिकोण का बचाव करते हुए इसे “कुछ नया” बताया और कहा कि इसके लिए “साहस और दूरदर्शिता” की जरूरत है।

रुबियो शनिवार देर रात अपने पदभार संभालने के बाद मध्य पूर्व की अपनी पहली यात्रा पर इजरायल पहुंचे, जब गाजा पर ट्रंप के प्रस्ताव को क्षेत्रीय देशों से अस्वीकृति और आलोचना का सामना करना पड़ा।

–आईएएनएस

एसएचके/केआर


Show More
Back to top button