कांगो संकट गहराया, पूर्वी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े शहर में घुसे 'एम23' लड़ाके


किंशासा, 15 फरवरी (आईएएनएस)। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के पूर्वी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े शहर बुकावु में ‘एम23’ विद्रोही प्रवेश कर गए हैं। इससे पहले, शुक्रवार को कांगो सेना ने बताया कि एम23 लड़ाकों ने बुकावु के उत्तर में कावुमु एयर पोर्ट पर कब्जा कर लिया है।

दक्षिण किवु प्रांत की राजधानी बुकावु पर कब्जा, एम23 की ताकत को बढ़ाएगा और पूर्व में किंशासा के अधिकार को एक और झटका देगा। पिछले महीने, एम23 ने पूर्वी क्षेत्र के मुख्य शहर गोमा पर कब्जा कर लिया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांगो रिवर अलायंस [जिसमें M23 शामिल है] के नेता कॉर्नेल नांगा ने कहा, “मैं पुष्टि करता हूं कि हमने शुक्रवार शाम बुकावु में प्रवेश किया, और शनिवार को, हम शहर को साफ करने के लिए अभियान जारी रखेंगे।”

इससे पहले, कांगो सेना के प्रवक्ता सिल्वेन एकेन्गे ने कहा कि एयरपोर्ट पर कब्जा करने के बाद सैनिकों ने वापसी कर ली है। उन्होंने यह नहीं बताया कि वे कहां वापस चले गए।

मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि कांगो और बुरुंडियन सैनिकों को दिन के दौरान बुकवु के मुख्य सैन्य शिविर, सैओ से निकलते देखा गया।

शिविर के पास रहने वाले एक व्यक्ति ने कहा, “वे आबादी वाले क्षेत्रों में लड़ाई से बचने के लिए पीछे हट रहे हैं।”

इस बीच कांगो के राष्ट्रपति फेलिक्स त्सेसीकेदी संकट को समाप्त करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद मांगी। उन्होंने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को व्यापक युद्ध के जोखिम के बारे में चेतावनी दी।

त्सेसीकेदी ने संघर्ष में भूमिका के लिए रवांडा को जवाबदेह ठहराने के अपने आह्वान को दोहराते हुए कहा, “इस लड़ाई को फैलने से रोकना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर निर्भर है।”

रवांडा ने कांगो, संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी शक्तियों के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उसके हजारों सैनिक एम23 के साथ मिलकर लड़ रहे हैं। उसका कहना है कि वह हुतु के नेतृत्व वाली मिलिशिया से खुद का बचाव कर रहा है, जो उसके अनुसार कांगो की सेना के साथ मिलकर लड़ रही है।

इस सप्ताहांत अदीस अबाबा में होने वाले दो दिवसीय अफ्रीकी संघ शिखर सम्मेलन में यह संकट एजेंडे में सबसे ऊपर रहेगा।

कांगो राष्ट्रपति कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि त्सेसीकेदी इसमें शामिल नहीं होंगे, बल्कि देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने प्रधानमंत्री को भेजेंगे।

जैसे-जैसे पूर्व में लड़ाई बढ़ती जा रही है, त्सेसीकेदी पर दबाव बढ़ता जा रहा है। म्यूनिख में, उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जोसेफ कबीला पर देश को अस्थिर करने के लिए विद्रोहियों और रवांडा का साथ देने का आरोप लगाया।

त्सेसीकेदी ने कहा, “(संघर्ष के) असली प्रायोजक छिपे हुए हैं। और इस विरोध के असली प्रायोजक मेरे पूर्ववर्ती जोसेफ कबीला हैं।”

वहीं कबीला की संचार सलाहकार बारबरा नजिम्बी ने कहा, “मैं इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन करती हूं। त्सेसीकेडी की नीति यही है कि समाधान प्रदान करने के बजाय बलि का बकरा ढूंढ़ना।”

–आईएएनएस

एमके/


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