प्रिस्टीन केयर में शीर्ष पदों पर हो रहे रेजिग्नेशन, फंडिंग की कमी से जूझ रही कंपनी


नई दिल्ली, 13 फरवरी (आईएएनएस)। हेल्थ-टेक यूनिकॉर्न प्रिस्टीन केयर में शीर्ष पदों पर रेजिग्नेशन हो रहे हैं। इसके साथ ही कंपनी फंडिंग की कमी से जूझ रही है और लागत को कम करने के उपाय कर रही है।

इस स्टार्टअप को पीक एक्सवी पार्टनर्स (पूर्व में सिकोइया कैपिटल इंडिया) द्वारा फंड किया गया है। हाल के महीनों में कई बड़े अधिकारियों ने कंपनी को छोड़ा है। लागत को कम करने के लिए कंपनी ने कई जूनियर और मिड लेवल के अधिकारियों को भी नौकरी से निकाल दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन बड़े अधिकारियों ने कंपनी को छोड़ा है, उनमें फाइनेंस डिपार्टमेंट के वाइस प्रेसिडेंट प्रभात अग्रवाल का नाम भी शामिल है, जो कि फिलहाल नोटिस पीरियड पर हैं। हालांकि, कंपनी का कहना है कि वे अभी भी जुड़े हुए हैं।

कंपनी के बिजनेस एंड ऑपरेशंस के वाइस प्रेसिडेंट रहे तरुण बंसल की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने जून 2024 को कंपनी से रिजाइन दे दिया था।

पिछले साल एचआर डिपार्टमेंट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट श्रीनिवास रेड्डी पी और मार्केटिंग के प्रमुख गगन अरोड़ा भी कंपनी से अलग हो गए थे।

सूत्रों की मदद से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा हासिल किए गए प्रिस्टीन केयर के फाइनेंशियल के मुताबिक, वित्त वर्ष 24 में कंपनी का खर्च बढ़कर 1,013 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पिछले साल 876 करोड़ रुपये था। इस दौरान कंपनी की ऑपरेटिंग आय वित्त वर्ष 24 में बढ़कर 600 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 452 करोड़ रुपये थी।

आय में वृद्धि के बावजूद, प्रिस्टीन केयर का नकदी प्रवाह अमूर्त बना हुआ है, इसके संचालन, निवेश और फाइनेंस गतिविधियों से नकदी प्रवाह को इसकी फाइलिंग में अमूर्त के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो लिक्विडिटी संबंधी चिंताओं को दिखाता है।

पिछले साल कंपनी ने सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरियों से निकाला था। इसमें सभी टीमें प्रभावित हुई थी।

–आईएएनएस

एबीएस/


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